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इस मेडिकल कॉलेज मेें सोनोग्राफी करवाने मरीजों को एक-एक महीने तक करना पड़ रहा इंतजार, कारण भी है खास

locationराजनंदगांवPublished: Aug 12, 2018 11:56:54 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

यहां पांच सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी मरीजों को पखवाड़े और महीनेभर बाद का समय मिल रहा है। क्योंकि मशीन तो है, लेकिन इसे ऑपरेट करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है।

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इस मेडिकल कॉलेज मेें सोनोग्राफी करवाने मरीजों को एक-एक महीने तक करना पड़ रहा इंतजार, कारण भी है खास

राजनांदगांव. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगातार सुविधाओं का विस्तार व जरूरी जांच मशीनों के होने के बाद भी इसका लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल पा रहा है। जांच मशीनों को ऑपरेट करने वाले एक्सपर्टों की कमी अब भी बनी हुई है। यही कारण है कि यहां पांच सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी मरीजों को पखवाड़े और महीनेभर बाद का समय मिल रहा है। क्योंकि मशीन तो है, लेकिन इसे ऑपरेट करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है।
रोजाना से सात से आठ सौ मरीज
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना ७ से ८ सौ ओपीडी मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं सौ के करीब गर्भवती महिलाएं जांच के लिए पहुंचती है। सोनाग्राफी जांच की बात करें तो एक दिन में औसतन ८०-९० मरीजों की जांच की जा रही है। इनमें ज्यादातर गर्भवती महिलाएं होती हैं। गर्भवती महिलाएं हर महीने जांच के लिए पहुंचती हैं।
पहुंचती है जांच कराने गर्भवती महिलाएं
डॉक्टर गर्भस्थ शिशु की स्थिति को जानने के लिए सोनोग्राफी जांच लिखते हैं, लेकिन सोनोग्राफी कराने पहुंचने पर गर्भवती महिलाओं को समय दे दिया जाता है। सोनोग्राफी जांच के लिए एमबीबीएस के बाद तीन साल का पीजी कोर्स करना पड़ता है। इसके लिए निजी मेडिकल कॉलेज में 5 करोड़ रुपए तक के खर्च आते हैं। रायपुर मेकाहारा में १० सीट में इसकी पढ़ाई होती है। यही कारण है कि इसके डॉक्टर आसानी से उपलब्ध नहीं होते। इसका नुकसान मरीजों को होता है।
रोजाना सोनोग्राफी जांच कराने वाले मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। एक डाक्टर लगातार जांच कर रहे हैं। वे विभाग के एचओडी भी हैं। ऐसे में जांच में लगातार डटे डाक्टर पटेल को भी परेशानी हो रही है। २ बजे तक ओपीडी समय होने के बाद भी ३-४ बजे तक लगातार काम करने के कारण डाक्टर के हाथ व आंख में परेशानी हो रही है।
निजी सेंटर जा रहे मरीज जांच कराने
मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण अपातकाल वाले मरीज व गर्भवतियों को पहले सुविधा दी जा रही है। नार्मल मरीजों का २५-३० दिन का समय दिया जा रहा है। ऐसे में ये लोग निजी जांच केंद्रों में जाकर इलाज करा रहे हैं। इसके लिए निजी सेंटर वाले १२ से १८ सौ रुपए ले रहे हैं। सोनोग्राफी विभाग के एचओडी डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि अपातकालीन मरीजों को तत्काल सुविधा दे रहे हैं। सामान्य मरीजों को २५-३० दिन तक का समय दे रहे हैं। तीन सोनोग्राफी विभाग व दो गायनिक विभाग के हैं।

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