शहर के वार्ड १६ में रहने वाली 62 वर्षीय उर्मिला सिन्हा पति अनुज राम सिन्हा दो महीना पहले २० अपै्रल को जालबांधा क्षेत्र में मोपेड गाड़ी से गिरकर घायल हो गई थी। उनके दाहिने हाथ में मोच आ गया। वे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची।
यहां एक्सरे के बाद डाक्टरों ने कच्चा प्लास्टर ऑफ पैरिस कर पट्टी बांध दिया। कुछ दवाइयां दी गई। करीब महीने भर बाद पट्टी को खोला गया और एक्स-रे कराने के बाद कुछ और दवाइयां दी गई और कहा कि अब हाथ ठीक हो गया है।
महिला का हाथ का दर्द पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था। कुछ दिन बाद यह दर्द फिर बढ़ गया। दंपती फिर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने कहा कि कुछ दिन दर्द रहेगा, फिर ठीक हो जाएगा, लेकिन दर्द जब ज्यादा ही बढ़ा तो वे शहर के एक निजी हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचे, तो उन्होंने एक्सरे को देख जो खुलासा किया, उससे दंपती सन्न रहे गए।
डॉक्टर ने बताया कि हाथ की हड्डी गलत जुड़ गई है। इस वजह से नस भी दब गया। इसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। ऑपरेशन रायपुर के अस्पताल में होगा। इसके लिए खर्च भी अधिक आएगा। दंपती अब चिंता में हैं। इस तरह मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की लापरवाही के कारण शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है।