मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. शरद मनोरे की माने तो यह सामूहिक साइकोजनिक हिस्टीरिया है। अफवाह के कारण फैला हुआ डर, जो मानसिक रूप से कमजोर लोगों को होता है। सामान्यत: यह बीमारी युवा वर्ग के लोगों को होती है। लेकिन समूह में और बच्चों को कम ही होती है।
मिली जानकारी अनुसार जिस बैगा ने पूजा संपन्न कराया था, उसका कहना है कि पूजा में सभी लोग शामिल नहीं हुए इस वजह से देवी-देवता बच्चों को सता रहे हैं। उनकी शांति के लिए फिर पूजा करना पड़ेगा। इसी पूजा में शामिल होने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए बच्चों को परिजनों ने छुट्टी कराकर ले गए हैं। बैगाओं ने ही डर फैलाया है कि कोई बुरा या काला साया है, जो बच्चों को परेशान कर रहा है। इससे बचने के लिए ही पूजा-अर्चना कराई गई थी।