मृतक अनिल के अंतिम संस्कार के लिए चिखली थाना प्रभारी ने सहयोग राशि दी। वहीं वार्ड मोरध्वज देवांगन द्वारा लकड़ी की व्यवस्था की गई। इसके बाद पार्षद राजा तिवारी के नेतृत्व में ग्रामीणों के सहयोग से अनिल का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले अनिल का पीएम भी कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार अनिल व उसकी पत्नी मजदूरी करते थे। गरीबी के चलते उसने अपना मकान बेच दिया था और किराए के मकान में रहते थे।
मृतक आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ही पत्नी का इलाज नहीं करा पाए और एक साल पहले उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद अनिल बेहद परेशान सा रहता था। मकान के किराए तक देने के लिए भी उसके पास पैसे नहीं होते थे। यही कारण है कि उसने आत्महत्या कर ली। फिलहाल मृतक के अनाथ हो चुके बेटे की परवरिश को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।