औंधी क्षेत्र में एक व्यक्ति की सर्पदंश से मृत्यु हो जाने के बाद उसके परिजनों को मिलने वाले चार लाख रुपए के मुआवजा में वसूली का आरोप औंधी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सुमन और औंधी के थाना प्रभारी एसआई तारन सिंह डहरिया पर लगा था। मृतक के भाई ने इस आशय की शिकायत करते हुए कहा था कि थानेदार और डॉक्टर ने उससे मुआवजा मिलने से पहले करीब 50 हजार रुपए और मुआवजा मिलने के बाद 55 हजार रुपए वसूल लिए।
एक तरफ आरोप लगते ही एसपी राजनांदगांव डी श्रवण ने थाना प्रभारी डहरिया को निलंबित कर मामले को जांच के लिए एसडीओपी स्तर के अफसर को सौंप दिया है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग अब तक इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाया है। विभाग के अफसरों का कहना है कि अभी उनके पास इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है।
औंधी क्षेत्र के बागडोंगरी निवासी शिकायतकर्ता तिलकराम यादव ने औंधी अस्पताल में पदस्थ डॉ. सुमन पर गंभीर आरोप लगाया है। तिलक का कहना है कि डॉ. सुमन ने उसे और रकम वसूली के लिए धमकाया है और उसके सहित पत्नी और बच्चे को जहर का इंजेक्शन लगाकर मार डालने की बात की है।
जानकारी के अनुसार मुआवजे की रकम में वसूली के आरोप से घिरे डॉ. सुमन पिछले करीब 10 सालों से औंधी में पदस्थ हैं और इस दूरस्थ इलाके में जाने के लिए कोई भी डॉक्टर तैयार नहीं होते। ऐसे में यदि डॉ. सुमन को यहां से हटाया गया तो औंधी का अस्पताल डॉक्टर विहीन हो सकता है।