बताया जाता है कि निर्मला वर्मा जो कि सरपंच है, भागवत वर्मा भूतपूर्व सरपंच है, साथ ही भागवत वर्मा, निर्मला वर्मा की ससुर है। आपको बता दे कि इन दिनों ग्राम पंचायत बखत रेंगाकठेरा में शौचालय निर्माण व सामाग्री वितरण में घपलेबाजी सहित अन्य मामले की शिकायत ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी। प्रशासन ने भी शिकवा शिकायत को मद्देनजर रखते हुए जांच की। जांच सही पाई गई जिसके बाद सरपंच निर्मला वर्मा पर धारा 40 के तहत कार्रवाही के लिए जिला पंचायत सीईओ चंदन कुमार ने निर्देश दिए है। हालांकि मामला एसडीएम में चल रहा है। इधर सरपंच और भूतपूर्व सरपंच ने 11 सितबंर को पुलिस अधीक्षक, कैंप कार्यालय, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, जनपद सीईओ और लालबाग थाना में शिकायत करते हुए। पत्र में लिखा है कि गांव के इन लोगों द्वारा पंचायत में होने वाले किसी भी निर्माण कार्यो के लिए पैसों की मांग करते है व पैसा नही देने पर धमकी दी जाती है, कि तुम सरपंची कैसे चलाओंगे। और कई बार अवैध वसूली की है। जिससे मैं काफी परेशान हो गया है। आगे लिखा है कि मुझे प्रताडि़त करने वालों को समझाइस दे ताकि हम शांतिपूर्वक अपने ग्राम पंचायत के कार्यो को पूर्ण कर सके।
इन दिनों बखत रेंगाकठेरा के सरपंच व भूतपूर्व सरपंच के द्वारा शिकायत की गई पत्र को सोशल मीडिया में वायरल कर दी है। जिसके चलते कई तरह की चर्चाएं चल रही है। वाट्सप गु्रपों में कमेंट्स करते हुए कहा जा रहा है कि, सरपंच पर कार्रवाही को बचाने व शिकायतकत्र्ताओं को डराने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाएं है तो वहीं कईयों ने सरपंच पर कार्रवाही न हो इसके लिए दबाव बना रहे है। बहरहाल शिकायत की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
घुमका मंडल अध्यक्ष महेश यादव व भाजयुमो मंडल अध्यक्ष परदेशी सोनबोईर ने सरपंच से रूपए मांगने के आरोप को सरासर गलत बताया है। वर्तमान में सरपंच पर धारा 40 के तहत कार्रवाही की प्रक्रिया चल रही है। कार्रवाही की बौखलाहट से अनाप-शनाप शिकायत कर रहे है। हम प्रशासन से मांग करते है कि शिकायत की निष्पक्ष जांच हो ताकि भूतपूर्व सरपंच भागवत वर्मा व वर्तमान सरपंच निर्मला वर्मा की असलियत लोगों के सामने आएं।
ंघुमका मंडल के दो बड़े भाजपा नेता पर आखिर क्यों रूपए मांगने का आरोप है। आपको बता दें कि भूतपूर्व सरपंच भागवत वर्मा ने शिकायत पत्र में कहा है कि सन् 2015 में मेरी बहु निर्मला वर्मा की सरपंच बनने के उपरांत ग्राम पंचायत में होने वाले निर्माण कार्यो के लिए कमीशन के रूप में मंडल अध्यक्ष ने 40 हजार और भाजयुमों मंडल अध्यक्ष ने 15 हजार रूपए व तुलसी वर्मा व अन्य लोगों पर भी पैसे देने व मांगने का आरोप लगाया है। आपको बता दे कि निर्मला वर्मा के सरपंच बनने के बाद से कई मामले सामने आएं जिसमें हाईस्कूल में बनाएं गए, सायकल स्टंैड निर्माण में घपलेबाजी की ग्रामीणों ने शिकायत की थी। शिकायत सही भी पाई गई। जिसमें सरपंच को जुर्माना भरना पड़ा था। इसके बाद अवैध तालाब गहरीकरण का भी मामला सामने आया। इसमें भी कार्रवाही हुई। वर्तमान में शौचालय निर्माण की आड़ में घपलेबाजी की शिकायत ग्रामीणों ने कि मामले में धारा 40 के तहत कार्रवाई चल रही है। अब सवाल यह उठता है यदि सरपंच से पैसे की मांग की जाती तो, कार्रवाई नही होती तो वहीं वर्तमान में सरपंच पर धारा 40 के तहत कार्रवाई एसडीएम में चल रहा। इसी बौखलाहट से ग्रामीणों के साथ-साथ इन नेताओं को भी लपेटे में लिया गया हो।