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याद किए गए राजनांदगांव के दानवीर राजा…

locationराजनंदगांवPublished: Apr 25, 2019 10:27:26 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

राजा दिग्विजय दास को दी गई श्रद्धांजलि

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याद किए गए राजनांदगांव के दानवीर राजा…

राजनांदगांव. इस रियासत के अंतिम राजा रहे और अपना सब कुछ इस शहर को समर्पित करने वाले दानवीर राजा, राजा दिग्विजय दास की जयंती गुरूवार को उनको याद कर मनाई गई। दिग्विजय महाविद्यालय परिसर में स्थित राजा दिग्विजय दास की मूर्ति के समक्ष वैष्णव समाज के लोगों और महाविद्यालय परिवार ने राजा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजनांदगांव की रियासत में वैष्णव राजा हुए। इस रियासत के अंतिम राजा दिग्विजय दास के नाम से राजनांदगांव में कॉलेज और स्टेडियम है जबकि उनके पिता राजा सर्वेश्वरदास के नाम से नगर निगम का एक बड़ा स्कूल है। राजा द्वारा दान की गई सम्पत्तियों पर मौजूदा समय में राजनांदगांव के विभिन्न उपक्रम चल रहे हैं। देवकुमार निर्वाणी ने राजनांदगांव के राजा की सम्पत्ति एवं धरोहर को संरक्षित करने कहा।
सिर्फ २५ साल की उम्र लेकर आए

वर्ष १९३३ में २५ अप्रैल को जन्मे राजा दिग्विजय दास की मृत्यु मात्र २५ वर्ष की अल्पायु में २२ जनवरी १९५८ को हो गई लेकिन इस कम उम्र में भी उन्होंने राजनांदगांव की सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल और शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया जो आज भी यहां मौजूद हंै।
कृतज्ञ स्मरण

महंत राजा दिग्विजय दास की जयंती पर दिग्विजय महाविद्यालय परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्र्यापण कर भावांजलि अर्पित की गई। प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंद्रिका नाथवानी ने महाविद्यालय की स्थापना में राजा के उदार योगदान को चिरस्मरणीय निरुपित किया। इस अवसर पर राजा साहब को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
दानशीलता पर चर्चा

लल्ला जे के वैष्णव ने बैरागी राजाओं के इतिहास व दानशीलता पर विचार रखे। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व भारत में ५६२ देशी रियासतों में छुईखदान व राजनांदगांव ही वैष्णव बैरागी राजा रहें। लक्ष्मीनारायण बैरागी ने राजाओं की जीवनी व उनके इतिहास को प्रस्तुत कर राजगामी संपदा में वैष्णवजन को प्रतिनिधित्व देने की अपील की।
वैष्णव समाज ने किया राजा की मूर्ति में माल्यार्पण

छग वैष्णव महासभा द्वारा मंहत राजा दिग्विजयदास वैष्णव के जन्म दिवस पर शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय परिसर स्थित राजा की मूर्ति पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्वलन किया गया। इस अवसर पर वैष्णव महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल जेके वैष्णव, देवकुमार निर्वाणी, पूर्व अध्यक्ष, शिव कुमार वैष्णव जिलाध्यक्ष, लक्ष्मीनारायण बैरागी पूर्व प्रांतीय सलाहकार, गोपालदास वैष्णव, चंद्रशेखर वैष्णव, राजेश वैष्णव, हेमंत वैष्णव, सुनील वैष्णव, रवि वैष्णव, ऋषि वैष्णव, बिहारी वैष्णव, मनोज वैष्णव, कौशल वैष्णव, सुरेश वैष्णव, राधे मोहन वैष्णव, सहित बड़ी संख्या में वैष्णवजन, छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
शहर में कोई आयोजन न होना आश्चर्यजनक और चिंताजनक

राजा दिग्विजय दास द्वारा छोड़ी गई विरासत पर राजनांदगांव प्रदेश और देश में खुद को गौरवान्वित महसूस करता है लेकिन हर साल राजा की जयंती और पुण्यतिथि पर उनको याद करने का कार्यक्रम महाविद्यालय परिवार और वैष्णव समाज तक सीमित रहता है जबकि शहर में इसे लेकर सार्वजनिक आयोजन किए जाने चाहिए। राजनांदगांव में सैकड़ों सामाजिक संस्थाएं हैं और उनमें से कुछ का कामकाज राजा या फिर राजगामी संपदा की दान दी हुई जमीन में चल रहा है लेकिन कभी किसी संस्था द्वारा राजा दिग्विजय दास, उनके पिता राजा सर्वेश्वरदास या फिर राज परिवार की याद में कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है।
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