scriptमंच से नीचे उतरकर जिन्हें राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, छत्तीसगढ़ के वो दीपक नहीं रहे… | Renowned colorist of Rajnandgaon, Deepak Virat passed away | Patrika News

मंच से नीचे उतरकर जिन्हें राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, छत्तीसगढ़ के वो दीपक नहीं रहे…

locationराजनंदगांवPublished: Apr 10, 2021 11:46:03 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

नाचा के लोकप्रिय कलाकार और संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त लोक कलाकार दीपक तिवारी विराट का शुक्रवार को राजनांदगांव में निधन हो गया।

मंच से नीचे उतरकर जिन्हें राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, छत्तीसगढ़ के वो दीपक नहीं रहे...

मंच से नीचे उतरकर जिन्हें राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, छत्तीसगढ़ के वो दीपक नहीं रहे…

राजनांदगांव. नाचा के लोकप्रिय कलाकार और संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त लोक कलाकार दीपक तिवारी विराट का शुक्रवार को राजनांदगांव में निधन हो गया। लंबे समय से लकवा बीमारी से ग्रस्त विराट ने ममतानगर स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली। नाट्य विधा के माध्यम से देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने वाले दीपक विराट ने मशहूर रंगकर्मी हबीब तनवीर के नया थियेटर में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में रंगमंच पर तालियां बटोरने का काम बखूबी किया था। बीते कुछ साल पहले विराट लकवाग्रस्त हो गए थे और इसके बाद से घर पर ही थे।
मंच से नीचे उतरकर जिन्हें राष्ट्रपति ने दिया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, छत्तीसगढ़ के वो दीपक नहीं रहे...
बेटे का हुआ था आकस्मिक निधन
दीपक स्वयं बीमार हो गए थे और उनके चलने, बोलने की शक्ति क्षीण हो गई थी लेकिन मंच से उनका जुडा़व जीवन के अंतिम समय तक रहा। वे अपनी पत्नी और बेटी के साथ मंच पर मौजूद रहते थे। खुद लंबे समय से लकवाग्रस्त होने के बाद बिस्तर पर आ गए दीपक का फिर भी कला के प्रति जज्बा बना हुआ था लेकिन ? कुछ समय पहले उनके जवान बेटे सूरज की आकस्मिक मृत्यु होने के बाद वे टूट से गए थे। सूरज भी मंच का बेजोड़ कलाकार था।
कई नाटकों में किया काम
दीपक विराट देश के प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाटकों के दबंग किरदार निभाते थे। मशहूर नाटक चरणदास चोर में चोर का जीवंत किरदार निभाकर दीपक ने नाट्य कला के क्षेत्र में विश्व में अपनी अलग पहचान बना ली थी।
नाटक के लिए नौकरी छोड़ दी
दीपक विराट की पत्नी लोक कलाकार पूनम तिवारी बताती हैं कि करीब 27-28 साल पहले दीपक जनसंपर्क विभाग में नौकरी करते थे और साथ ही हबीब तनवीर के साथ थियेटर भी करते थे। थियेटर नहीं छोड़ा तो इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। राजनांदगांव में निवासरत मूलत: बिलासपुर के रहने वाले दीपक विराट तिवारी ने राजनांदगांव को अपना कर्म क्षेत्र बनाया था। साल 1980-90 के दशक में हबीब तनवीर के गु्रप नया थियेटर का हिस्सा बने। उन्होंने चरणदास चोर, लाला शोहरत राय, मिट्टी की गाड़ी, आगरा बाजार, कामदेव का अपना बसंत ऋतु का सपना, देख रहे हैं नैन, लाहौर नहीं देखा और हिरमा की अमर कहानी जैसे नाटक में अपनी अलग छाप छोड़ी।
मंच से नीचे उतरकर किया था सम्मानित
पिछले 12 सालों से वे जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे और शुक्रवार को उन्होंने अपनी आखरी सांसे ली।
लोक कलाकार दीपक विराट को वर्ष 2019 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से नवाजा गया था। यह पहला मौका था जब दुर्ग संभाग के किसी कलाकार को इतना बड़ा अवार्ड मिला था। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विराट को 2019 का संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार दिया था। पुरस्कार लेने व्हीलचेयर पर पहुंचे दीपक को राष्ट्रपति ने खुद मंच से नीचे आकर सम्मानित किया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो