शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई करने जांच की कॉपी को संचालक मंडल को भेज दिया गया है। इस मामले में प्रावधान के तहत दोषी स्कूल प्रबंधन पर 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कई निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश देने के मामले में जानकारी छिपा कर लक्ष्य के अनुसार प्रवेश नहीं दिया गया था। इस मामले की शिक्षा विभाग द्वारा जांच की गई थी।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल ने बताया कि आरटीई के तहत जानकारी छिपाने के मामले में जांते दौरान जानकारी छिपाने व अन्य अनिमितता बरतने वाले में नीरज बाजपेयी इंटरनेशनल स्कूल बोरी, नीरज पैरेन्स प्राइड बल्देवबाग राजनांदगांव, नीरज विद्या मंदिर मोहड़ डोंगरगांव, गायत्री विद्यापीठ सीबीएसई केशर नगर राजनांदगांव।
इन स्कूलों के खिलाफ आरटीई अधिनियम के तहत बच्चों की भर्ती नहीं करने की शिकायत हुई थी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जांच की थी। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपा गया। इस मामले में संबंधित नोडल प्राचार्यों व स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई। जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसे मामलो की रोकथाम के लिए सभी बीईओ अपने क्षेत्रों के स्कूलों की जांच करने आदेश जारी किया है। एक स्कूल प्रबंधन द्वारा अधिनियम के तहत 148 सीट को छिपाकर 72 सीट शो किया गया था।