खैरागढ़ पुलिस से मिली जानकारी अनुसार ठेलकाडीह से 16 वर्षीय राहुल पिता मधु देशलहरे अपने 17 वर्षीय चचेरे भाई मयंक पिता दिलीप लहरे को अपनी कार में बिठाकर फत्तेपुर समीप पट्रोल पंप जा रहे थे। तभी मरकामटोला मार्ग के आगे रास्ते में जानवर आया और राहुल कार पर नियंत्रण नहीं रख पाया। कार रांग साइड पर जाकर सीधे नीम पेड़ से टकराई। कार की रफ्तार तेज होने के कारण कार के परखच्चे उड़ गए और दोनों बच्चों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
देशलहरे व लहरे परिवार में इस हादसे से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजन सदमे में हैं। मयंक और राहुल का जब शव पीएम के बाद घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। सबका रो-रो कर बुराहाल हो गया। आसपास के लोगों ने परिवार के लोगों का ढांढस बंधाया। दोपहर बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।
क्षेत्र में पिछले चार महीने में चार बड़े हादसे हो चुके हैं, जिसमें सात लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इन सभी हादसों में लोगों की स्पाट डेथ हुई है। मतलब साफ है इस हादसों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मार्ग में चालक वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे।
राजनांदगांव से खैरागढ़ तक दर्जनभर डेंजर जोन हैं, जिससे रोजाना छिटपुट व बड़े हादसे हो रहे हैं। आपको बता दें कि तिलई चौक, पदुमतरा बघेल बाड़ी, खपरीखुर्द, चवेली मार्ग सहित ठेलकाडीह समीप पुराना दारूभ_ी, बाजार चौक, सहसपुर दल्ली चौक सहित अन्य जगहों पर इस मार्ग में अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसके बाद हादसे रोकने पुलिस प्रशासन ब्रेकर या स्टापर की व्यवस्था नहीं कर रहा।
करीब चार माह पूर्व सिरसाही गांव में एक दैत्याकार हाइवा ने बाइक सवारों को ऐसे रौंदा की मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई। बाइक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हाइवा की रफ्तार इतनी अधिक थी कि लापरवाह चालक कंट्रोल नहीं कर पाया और इस हादसे को अंजाम दे डाला।