वनभूमि के मुरूम का हो रहा उपयोग
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही उक्त सड़क के निर्माण के लिए जंगल के मुरूम का उपयोग किया जा रहा है। निर्माणाधीन सड़क किनारे की मुरूम को खोदकर ही सड़क पर बिछाया जा रहा है। फिलहाल सड़क लगभग 7 किमी तक का निर्माण कार्य जारी है जिसमें गुणवत्ता अनुसार कार्य नही होने की शिकायत भी ग्रामीण कर रहे हैं। जंगली मुरूम में पीली और काली मिटटी नुमा मुरूम डालने से सड़क के ज्यादा दिन तक नही टिकने का हवाला देते ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है। जीएसबी वर्क गुणवत्ताहीन तरीके से की जा रही है। मिक्स मटेरियल की जगह जीरो गिट्टी का छिड़काव कर काम चलाया जा रहा है। पीली मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। जंगल की खुदाई मे जैसा भी मुरूम मिल रहा है उसका उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य को देखने और परखने अधिकारी भी मौके पर नही पहुँच रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि मामले में अब तक कार्रवाई नही होने पर इसकी शिकायत संबंधित विभाग के मंत्री सहित शासन तक करेंगे।
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही उक्त सड़क के निर्माण के लिए जंगल के मुरूम का उपयोग किया जा रहा है। निर्माणाधीन सड़क किनारे की मुरूम को खोदकर ही सड़क पर बिछाया जा रहा है। फिलहाल सड़क लगभग 7 किमी तक का निर्माण कार्य जारी है जिसमें गुणवत्ता अनुसार कार्य नही होने की शिकायत भी ग्रामीण कर रहे हैं। जंगली मुरूम में पीली और काली मिटटी नुमा मुरूम डालने से सड़क के ज्यादा दिन तक नही टिकने का हवाला देते ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है। जीएसबी वर्क गुणवत्ताहीन तरीके से की जा रही है। मिक्स मटेरियल की जगह जीरो गिट्टी का छिड़काव कर काम चलाया जा रहा है। पीली मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। जंगल की खुदाई मे जैसा भी मुरूम मिल रहा है उसका उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य को देखने और परखने अधिकारी भी मौके पर नही पहुँच रहे है। ग्रामीणों ने कहा कि मामले में अब तक कार्रवाई नही होने पर इसकी शिकायत संबंधित विभाग के मंत्री सहित शासन तक करेंगे।
सही हो रहा निर्माण
निर्माण कंपनी के प्रबंधक अरूण कुर्रे ने निर्माण में किसी प्रकार की गड़बड़ी से इंकार करते कहा कि निर्माण में पूरी गुणवत्ता और शासन सहित विभागीय नियमों पर सावधानी बरत कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। कुर्रे ने कहा कि वनभूमि से मुरूम खोदा ही नही गया है जिस जगह से खुदाई की गई है वे निजी किसानों की जमीनें है जिस पर सहमति लेकर ही खुदाई की गई है। किसानों ने इस दौरान लिखित में सहमति पत्र भी दिया है। मिक्स मटेरियल और जीएसबी के कार्य को भी तर्क संगत बताते प्रबंधक ने कहा कि नियमों के अनुसार ही सड़क निर्माण कराया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही बरती जा रही है।
निर्माण कंपनी के प्रबंधक अरूण कुर्रे ने निर्माण में किसी प्रकार की गड़बड़ी से इंकार करते कहा कि निर्माण में पूरी गुणवत्ता और शासन सहित विभागीय नियमों पर सावधानी बरत कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। कुर्रे ने कहा कि वनभूमि से मुरूम खोदा ही नही गया है जिस जगह से खुदाई की गई है वे निजी किसानों की जमीनें है जिस पर सहमति लेकर ही खुदाई की गई है। किसानों ने इस दौरान लिखित में सहमति पत्र भी दिया है। मिक्स मटेरियल और जीएसबी के कार्य को भी तर्क संगत बताते प्रबंधक ने कहा कि नियमों के अनुसार ही सड़क निर्माण कराया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही बरती जा रही है।
प्रशासन ने सड़क निर्माण की योजना बनाई
चार साल पहले तत्कालीन एसडीएम पीएस धु्रव, लोकनिर्माण विभाग, विद्युतमंडल, जनपद पंचायत सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ कटेमा पहुंचे थे। मार्ग नही होने के चलते अधिकारियों को 17 किमी पैदल चलना पड़ा था। कटेमा पहुंचे अधिकारियों ने वहां रहने वाले 15 परिवारों और लगभग 52 ग्रामीणों की मांग पर सड़क और बिजली सुविधा मुहैया कराने कार्य योजना बनाकर शासन को प्रेषित किया था जिसके बाद बिजली के साथ सड़क की कार्रवाई शुरू हुई। सड़क के लिए भी धुर नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण सड़क निर्माण के लिए विभाग को तीन बार से अधिक टेंडर करना पड़ा। तब इसे ठेकेदार मिला। पिछले साल इसका निर्माण शुरू करके बंद कर किया गया लेकिन अब तक पूरा नही हो पाया है। बताया गया कि मार्च में इसकी स्वीकृत राशि लेप्स न हो, इसलिए निर्माण कराया जा रहा है।
चार साल पहले तत्कालीन एसडीएम पीएस धु्रव, लोकनिर्माण विभाग, विद्युतमंडल, जनपद पंचायत सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ कटेमा पहुंचे थे। मार्ग नही होने के चलते अधिकारियों को 17 किमी पैदल चलना पड़ा था। कटेमा पहुंचे अधिकारियों ने वहां रहने वाले 15 परिवारों और लगभग 52 ग्रामीणों की मांग पर सड़क और बिजली सुविधा मुहैया कराने कार्य योजना बनाकर शासन को प्रेषित किया था जिसके बाद बिजली के साथ सड़क की कार्रवाई शुरू हुई। सड़क के लिए भी धुर नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण सड़क निर्माण के लिए विभाग को तीन बार से अधिक टेंडर करना पड़ा। तब इसे ठेकेदार मिला। पिछले साल इसका निर्माण शुरू करके बंद कर किया गया लेकिन अब तक पूरा नही हो पाया है। बताया गया कि मार्च में इसकी स्वीकृत राशि लेप्स न हो, इसलिए निर्माण कराया जा रहा है।