राजनंदगांव

जिला जेल में साध्वी सम्यग्दर्शना ने कैदियों को दी अनुशासन की सीख, प्रवचन सुनते ही कैदियों में अचानक हुआ ये …

साध्वी सम्यग्दर्शना के उद्गार

राजनंदगांवNov 09, 2019 / 09:41 am

Nitin Dongre

जिला जेल में साध्वी सम्यग्दर्शना ने कैदियों को दी अनुशासन की सीख, प्रवचन सुनते ही कैदियों में अचानक हुआ ये …

राजनांदगांव. जैन साध्वी सम्यग्दर्शना ने जिला जेल में उपस्थित 256 बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति हर जगह कुछ न कुछ सीखता ही है। आप भी जेल में अनुशासित जीवन जी रहे और यहां से अनुशासन सीख कर बाहर भी इसे अमल में लाए आपका जीवन सफल होगा।
जैन बगीचे में आयोजित चातुर्मास के मीडिया प्रभारी विमल हाजरा ने बताया कि राजनांदगांव जिला जेल में साध्वी सम्यग्दर्शना के प्रवचन का कार्यक्रम रखा गया था। जिला जेल में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बंदियों को फल का वितरण भी किया गया। जैन साध्वी ने उपस्थित बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में कोई बंदी बनकर आना नहीं चाहता पर आप आ गए हो तो अपने जीवन में यहां का अनुशासन अवश्य उतारे। आप यहां किसी न किसी मजबूरी वश या किसी अन्य कारण से आए होंगे।
गलत कार्य न ही देखें और न ही कोई गलत कार्य करें

यहां आप अपने आपको बंदीगृह में न मानकर सुधारगृह में माने। यहां अनुशासित जीवन जीकर तथा अपनी सजा काट कर जब आप बाहर जाएं तब वहां भी अपने जीवन में अनुशासन बरकरार रखें आप सफल अवश्य होंगे। उन्होंने कहा कि आप अनुशासित रहे तो अपराध अपने आप कम हो जाएगा। साध्वी सम्यग्दर्शना ने कहा कि हम अपनी आंख, हाथ व जुबान पर नियंत्रण रखें तो हमसे अपराध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि हमारा हाथ नियंत्रित है तो हम किसी की हत्या या किसी से मारपीट करने की कोशिश नहीं करेंगे क्योंकि हाथ पर हमारा पूरा नियंत्रण होगा। जुबान पर हमारा नियंत्रण होगा तो हम किसी को मरने-मारने के लिए प्रेरित नहीं करेंगे। आंख पर नियंत्रण होगा तो हम गलत कार्य नहीं देखेंगे और ना ही कोई गलत कार्य करेंगे।
दिए गए ज्ञान को जीवन में उतारे

प्रवचन से पूर्व उपस्थित बंदियों को चातुर्मास समिति के संयोजक रोशन गोलछा ने संबोधित करते हुए कहा कि साध्वी सम्यग्दर्शना एवं साध्वी कनक प्रभा आदि ठाणा सात का राजनांदगांव आगमन हमारे लिए सौभाग्य का विषय है। ये यहां आत्मा का परमात्मा से मिलन कराने आई हैं। उन्होंने कहा कि साध्वी के द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारिए और इसका पालन कर अपने जीवन को धन्य बनाइए। प्रवचन के बाद शिल्पा जैन द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनीष संचेती (कामठी लाईन) द्वारा किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक एलएल नेताम, शिक्षक तातेश्वर प्रसाद, जैन बगीचे के सुरेश रामटेके एवं जेल कर्मी भी उपस्थित थे।
होगा बदलाव

साध्वी ने कहा कि हम इंसान हैं और हर इंसान शान की जिंदगी जीना चाहता है। शान की जिंदगी जीना है तो हमारे अंदर को शानदार करना होगा। यदि अंदर शानदार हो गया तो बाहर हमारा शानदार होगा ही। उन्होंने कहा कि आप यहां सजा काटकर जब बाहर निकले तो संकल्प लेकर निकले कि अब हम अपनी जिंदगी में ऐसा कोई भी अपराध नहीं करेंगे जिसके लिए हमें ऐसा समय काटना पड़े। उन्होंने जेल कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि बंदियों को संभालना का आप का कार्य है किंतु यह कार्य दायित्व मानकर ना करें बल्कि अपना कर्तव्य मानकर कुछ ऐसा भी करें जिससे इन बंदियों की जिंदगी परिवर्तित हो जाए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.