ज्ञापन में हीरामन सहित ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने नियमों को धता बताते हुए खलिहान हटाने नोटिस जारी किया है। जबकि पंचायत राज अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने का अधिकार सचिव को है। मई माह में जब पूरे देश् सहित खैरागढ़ तहसील में लॉकडाउन था, उस दौरान दिनांक 5 एवं 19 मई को पंचायत द्वारा नोटिस जारी किया गया है।
ये है पूरा मामला गांव के हीरामन वर्मा का बाजगुड़ा में कृषि भूमि पर ही उनके द्वारा मकान निर्मित है जिसमे हिरामन और परिवार निवास करते हैं। इनके आने जाने का एक मात्र रास्ता खलिहान से ही होता है। इसके अतिरिक्त आने जाने कोई रास्ता नही है, परंतु सरपंच द्वारा जानबूझकर आने जाने के रास्ते मे आंगनबाड़ी भवन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। खलिहान में हिरामन वर्मा द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। केवल फसल मिसाई व कृषि औजार रखने कांटा घेरा किया गया है जो उनके पूर्वजों के समय से चला आ रहा है।
कार्रवाई रोकने किया आवेदन प्रस्तुत ग्रामीणों ने बताया कि केवल चुनावी बदला लेने सरपंच द्वारा इस तरह की एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। पंचायत चुनाव में हिरामन वर्मा द्वारा वर्तमान सरपंच का प्रचार प्रसार नहीं कर दूसरे प्रत्याशी का प्रचार किया गया था, जिसके बदला लेने के उद्देश्य से हिरामन के खेत व घर जाने के रास्ते पर आंगनबाड़ी भवन बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। जबकि गांव में बहुत सारी शासकीय खाली जगह मौजूद है। सोमवार को बाजगुड़ा के सैकड़ों लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच अपनी व्यथा बताई और एसडीएम के समक्ष पंचायत की कार्रवाई को रोकने के लिए स्थगन आवेदन प्रस्तुत किया है, जिस पर एसडीएम द्वारा तत्काल ग्राम के सरपंच सचिव को नोटिस जारी कर 13 जुलाई को जवाब तलब किया गया है।