मामले की जांच कर रही पुलिस विभाग की उषा अहिरवार ने बताया कि पीडि़ता ने अपने बयान में कहा कि आरोपी राकेश मेश्राम द्वारा उसे बहला कर व डरा-धमका कर लगातार दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता था। इस दौरान पीडि़ता के गर्भवती होने पर आरोपी द्वारा उसे टेबलेट खिला दिया जाता था। बताया जा रहा है कि आरोपी द्वारा सप्ताह भर पहले भी पीडि़ता के गर्भवती होने की जानकारी होने पर जमकर मारपीट की गई है।
सीडब्ल्यूसी में अब तक नहीं हुआ बयान आरोपी के मारपीट की घटना से पीडि़ता की स्थिति गंभीर है और उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। पीडि़ता अस्पताल में पिछले तीन दिन से भर्ती है, लेकिन अभी तक सीडबल्यूसी (बाल कल्याण समिति) से बयान नहीं कराया गया है। इस मामले को लेकर भी चिखली चौकी पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है। इससे पहले चिखली चौकी पुलिस पर पीडि़ता के परिजनों ने शुरुआत में शिकायत करने पर मामला दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया है।
आरोपी ने पीडि़ता के परिजनों से लिए हैं रुपए पीडि़ता व उसके परिजनों ने जांच में पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले आरोपी राकेश मेश्राम द्वारा लड़की को छोडऩे एग्रीमेंट किया गया है और 30 हजार रुपए लिया गया है। मामले की गंभीरता से जांच करने पर इस मामले में और लोगों के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल पुलिस इस मामले में आरोपी राकेश मेश्राम को धारा 376, 323, 506, 384 और 4-6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेेज दिया है।
आगे की कार्रवाई की जाएगी पुलिस जांच अधिकारी उषा अहिरवार ने कहा कि पीडि़ता ने अपने बयान में आरोपी द्वारा बहला व डरा कर दो साल से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने की शिकायत दर्ज कराई है। पीडि़ता के परिजनों ने उसे छोडऩे के लिए 30 हजार रुपए लेने की बात भी कही है। इस मामले में भी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।