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स्कूल में रंग और जातिभेद की शिकार हुई दो आदिवासी महिला टीचर, काम से निकालने पर आक्रोशित हुआ समाज

locationराजनंदगांवPublished: Jul 16, 2018 11:31:58 am

Submitted by:

Nakul Sinha

जांच शुरू, समाज नोटिस देने की तैयारी में

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पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल से शिकायत करते हुए पीडि़त शिक्षिका।

राजनांदगांव. मानपुर के निजी विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर में कार्यरत तीन आदिवासी शिक्षिकाओं पर तथाकथित रंग भेद कर व जातिसूचक आपत्तिजनक शब्द बोलकर नौकरी से निकाले जाने का मामला अब तूल पकड़ते दिख रहा है। इसकी शिकायत कलक्टर से होने के बाद स्थानीय प्रसासन ने मामले को जांच में लिया है।
जांच के बाद यदि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आती है, तो संचालकों पर कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर पीडि़त युवतियों ने स्थानीय विधायक सहित पीसीसी चीफ भूपेश बघेल तथा स्थानीय सर्व आदिवासी समाज से भी मामले में दखल देकर उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
शिशु मंदिर में सेवारत थी शिक्षिकाएं
दरअसल स्थानीय शिशु मंदिर में सेवारत तीन आदिवासी शिक्षिका लिकेश्वरी रावटे, चंचल सलामे व सरोज जाड़े को वर्तमान शिक्षण में अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है। शिक्षिकाओं के मुताबिक नियमों के तहत उन्हें सेवा समाप्ति की पूर्व सूचना नहीं दी गई और न ही इसका पुख्ता कारण बताया गया।
उक्त शिक्षिकाओ की माने तो जब उन्होंने शाला प्रबंधन के समक्ष अपनी बात रखनी चाही तो स्कूल में बैठक व साधारण बातचीत के दौरान प्रबंधन द्वारा उन पर जाति ***** व रंगभेद टिप्पणी करते हुए कही भी शिकायत करने की धमकी दे दी गई।
नोटिस देेेने की तैयारी
पीडि़त युवतियों ने सर्व आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा उन्हें बताई। समाज ने कहा है कि शाला प्रबंधन को समाज की ओर से नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि आदिवासियों के प्रति ऐसे बर्ताव के लिए क्यों न समाज स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन किया जाए। दूसरी तरफ पीडि़त शिक्षिकाओं का कहना है कि शाला प्रबंधन के पदाधिकारियों के रवैये से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है। सामाजिक भावना आहत हुई है। पीडि़ताओं का कहना है कि उनकी सेवा बहाली की जाए।
मामले की जांच की जा रही है
बीईओ, नरेंद्र कुमार नीरापुरे ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद मामले की जांच की जा रही है। स्कूल प्रबंधन व संचालकों से बयान लिया गया है। शिकायतकर्ताओं के बयान बाकी हैं। उनसे लिखित में बयान लिया जाएगा। जांच प्रतिवेदन शिक्षा अधिकारी को सौंपी जाएगी। कार्रवाई उन्हीं के आदेशानुसार होगी।
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