लोक अदालत में दो पक्षों के बीच समझौता कराया जाता है
इस अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर भी आयोजित हुई जिसमें पहुंचे पक्षकारों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। एडीजे विभा पांडे ने बताया कि लोक अदालत में पेंडिंग मामलों की सुनवाई नहीं बल्कि दो पक्षों के बीच समझौता कराकर केस का निराकरण किया जाता है। किसी भी विवाद का हल आपसी सहमति से समझौता ही है। क्योंकि एक पक्ष के अहंकार में रहने से मामला और भी पेचिदा हो जाता है। लोक अदालत में पहुंचने वाले पक्षकारों के बीच समझौता कराया जाता है। विधिक साक्षरता की जानकारी देते हुए एडीजे विभा पांडे ने कहा कि कोई भी मामला कोर्ट में तब पहुंचता है जब उन्हें प्रशासन व लोगों से न्याय नहीं मिलता। कभी भी आवेश में आकर गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। शिविर में सीजेएम अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, मजिस्टे्रट गिरीशपाल सिंह, अधिवक्ता संघ की उपाध्यक्ष संध्या देशपांडे, पूर्व अध्यक्ष मेवालाल साहू, अधिवक्ता विवेक महोबिया समेत पक्षकार उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर भी आयोजित हुई जिसमें पहुंचे पक्षकारों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। एडीजे विभा पांडे ने बताया कि लोक अदालत में पेंडिंग मामलों की सुनवाई नहीं बल्कि दो पक्षों के बीच समझौता कराकर केस का निराकरण किया जाता है। किसी भी विवाद का हल आपसी सहमति से समझौता ही है। क्योंकि एक पक्ष के अहंकार में रहने से मामला और भी पेचिदा हो जाता है। लोक अदालत में पहुंचने वाले पक्षकारों के बीच समझौता कराया जाता है। विधिक साक्षरता की जानकारी देते हुए एडीजे विभा पांडे ने कहा कि कोई भी मामला कोर्ट में तब पहुंचता है जब उन्हें प्रशासन व लोगों से न्याय नहीं मिलता। कभी भी आवेश में आकर गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। शिविर में सीजेएम अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, मजिस्टे्रट गिरीशपाल सिंह, अधिवक्ता संघ की उपाध्यक्ष संध्या देशपांडे, पूर्व अध्यक्ष मेवालाल साहू, अधिवक्ता विवेक महोबिया समेत पक्षकार उपस्थित रहे।