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नेशनल लोक अदालत में 38 क्रिमिनल सहित कई प्रकरणों का हुआ निराकरण

locationराजनंदगांवPublished: Dec 15, 2019 11:32:37 am

Submitted by:

Nakul Sinha

विधिक साक्षरता की दी गई जानकारी, 1 मोटर दुर्घटना व 9 विद्युत विभाग के मामले हुए निराकृत

Several cases including 38 criminal cases were resolved in National Lok Adalat

विधिक साक्षरता की दी गई जानकारी, 1 मोटर दुर्घटना व 9 विद्युत विभाग के मामले हुए निराकृत

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. व्यवहार न्यायालय में शनिवार को नेशनल लोक अदालत शिविर आयोजित हुई जिसमें लंबित प्रकरणों की सुनवाई कर निराकरण किया गया। साथ ही विभिन्न विभागों की बकाया रकम की वसूली भी लोगों से की गई। एडीजे विभा पांडे के कोर्ट में एक मोटर दुर्घटना व 9 मामले विद्युत विभाग के निराकृत हुए। सीजेएम अश्वनी कुमार चतुर्वेदी के न्यायालय में क्रिमिनल के 38, मेट्रोमनी, चेक बाउंस के दो, सिविल के एक, बीएसएनएल का बिल बकाया के छह प्रकरण, मजिस्टे्रट गिरीशपाल सिंह के कोर्ट में क्रिमिनल के 18, चेक बाउंस के 4 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत में किया गया।
लोक अदालत में दो पक्षों के बीच समझौता कराया जाता है
इस अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर भी आयोजित हुई जिसमें पहुंचे पक्षकारों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। एडीजे विभा पांडे ने बताया कि लोक अदालत में पेंडिंग मामलों की सुनवाई नहीं बल्कि दो पक्षों के बीच समझौता कराकर केस का निराकरण किया जाता है। किसी भी विवाद का हल आपसी सहमति से समझौता ही है। क्योंकि एक पक्ष के अहंकार में रहने से मामला और भी पेचिदा हो जाता है। लोक अदालत में पहुंचने वाले पक्षकारों के बीच समझौता कराया जाता है। विधिक साक्षरता की जानकारी देते हुए एडीजे विभा पांडे ने कहा कि कोई भी मामला कोर्ट में तब पहुंचता है जब उन्हें प्रशासन व लोगों से न्याय नहीं मिलता। कभी भी आवेश में आकर गलत कदम नहीं उठाना चाहिए। शिविर में सीजेएम अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, मजिस्टे्रट गिरीशपाल सिंह, अधिवक्ता संघ की उपाध्यक्ष संध्या देशपांडे, पूर्व अध्यक्ष मेवालाल साहू, अधिवक्ता विवेक महोबिया समेत पक्षकार उपस्थित रहे।

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