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लॉकडाउन के चलते लगातार तीन महीने से बंद है दुकाने, आर्थिक तंगी झेल रहे दुकानदार

locationराजनंदगांवPublished: Jun 06, 2020 06:04:37 am

Submitted by:

Nakul Sinha

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने पूरा नगर रहा लॉकडाउन

Shops closed for three consecutive months due to lockdown, financially strapped shopkeepers

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने पूरा नगर रहा लॉकडाउन

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थस्थल माई की नगरी डोंगरगढ़ में विगत 3 माह से 200 से अधिक दुकाने इसलिए बंद है क्योंकि मां का दरबार बंद है सूना है वहां किसी भी दर्शनार्थी को दर्शन की अनुमति नहीं है। इसलिए ये दुकानदार आर्थिक तंगी झेल रहे हैं यहां तक कि इन दुकानों में बंद कई सामान तो 3 माह में खराब भी हो चुके हैं। सूखा प्रसाद भी बुरी स्थिति में है। इसके अलावा नारियल प्रसाद के साथ-साथ खिलौने सहित अन्य कई सामानों की दुकानें यहां चलती थी तथा पूरे वर्ष भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता था जिससे आधे डोंगरगढ़ की रोजी रोटी चलती थी चाहे किराना दुकानदार हो या कपड़ा दुकानदार मनिहारी हो या अन्य सामग्री सभी मंदिर से जुड़े हुए थे तथा नगर का आधा व्यवसाय दर्शनार्थियों पर निर्भर था जो गत 3 माह से बंद है जिसके चलते इन 200 दुकानदारों के साथ-साथ नगर के अन्य व्यवसाय व श्रमिक भी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं जहां पहले दर्शनार्थियों की चहल-पहल नजर आती थी वह सब सूना पड़ा है। वैसे तो केंद्र सरकार ने 8 जून से अनलॉक वन के अंतर्गत धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है किंतु प्रदेश की सभी बार्डर सील है जिससे अन्य प्रदेशों से आने वाले दर्शनार्थी इस ओर रूख भी नहीं करेंगे।
दूसरे जिले के भी नहीं आ रहे दर्शनार्थी
इसके अलावा कई जिले भी सील है इससे प्रदेश के अन्य जिलों से आने वाले दर्शनार्थियों भी बहुत कम संख्या में मां के दर्शन के लिए पहुंचेंगे क्योंकि रोप वे प्रारंभ हो रहा है इसलिए कुछ चहल-पहल रहने की संभावना है किंतु फिर भी इनमें से अधिकांश दुकानें फिर भी बंद रहेंगी या खुलेगी तो भी उनमें ग्राहकी नगण्य रहेगी। जिसके चलते दुकानदार खासे चिंतित हैं इन दुकानदारों से संबंधित मजदूर व अन्य दुकानदार सहित अन्य व्यवसाय भी इस आर्थिक तंगी की चपेट में आ चुके हैं जिसके चलते निकट भविष्य में इस आर्थिक मार से उबर पाना संभव नजर प्रतीत नहीं होता। मां के दरबार में बसे सभी दुकानदारों ने प्रदेश के मुखिया से आर्थिक सहायता की मांग की है।
नहीं लगी गन्ने रस की दुकानें
19 मार्च से बंद हुए मंदिर के चलते इस वर्ष गन्ने रस की दुकानें भी नहीं लग पाई जिससे गर्मी में गलों को शीतल तर करने वाले भी आर्थिक मार झेल रहे हैं अब क्योंकि सामने बारिश का मौसम है तो इन दुकानों का लगना अब संभव नहीं होगा जिसके चलते इन दुकानदारों का तो पूरा साल खराब हो गया। इसके अलावा ऐसे कई दुकानदार हैं जो दिनभर इस परिसर में घूम घूम कर अपना व्यवसाय करते थे तथा दर्शनार्थियों सहित दुकानदारों को भी अपनी सेवाओं से उपकृत करके अपनी रोजी-रोटी चलाते थे वे भी इस चपेट में है। जहां तक मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति का सवाल है तो समिति की आय भी विगत 3 माह से पूरी तरह ठप पड़ी है। मार्च में ही नवरात्रि पर्व था जो प्रारंभ से लेकर अंत तक मात्र पुजारियों तक सीमित रहा जिसके चलते आने वाले लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां नहीं पहुंचे। दुकानदारों के साथ-साथ मंदिर की आय भी शून्य हो गई। जिसके चलते ट्रस्ट समिति को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि ट्रस्ट मंडल में 200 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं उनके वेतन एवं अन्य खर्चो को लेकर ट्रस्ट मंडल के पदाधिकारी खासे परेशान हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान अभी उतने पुजारियों की भी जरूरत नहीं है तथा सफाई सहित अन्य कार्यों में लगने वाले कर्मचारी भी आधे से कम लग रहे हैं। इसलिए मंदिर ट्रस्ट ने अपने सभी कर्मचारियों के ड्यूटी भी आधी कर दी है। आधे समय में ही वे इन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं अब चूंकि 8 जून से मंदिर के पट पुन: खुलेंगे जिसके चलते कर्मचारियों को पूरी ड्यूटी मिलने की संभावना है जिससे वे भी अपनी आर्थिक तंगी दूर कर सकेंगे और ट्रस्ट मंडल को दान में भी पूर्व जैसी राशि तो नहीं मिलने वाली कम आय से ही ट्रस्ट को भी संतोष करना पड़ेगा।
सबसे अधिक परेशान हैं दुकानदार
नीचे मंदिर, छीरपानी परिसर से लेकर ऊपर मंदिर तक विभिन्न व्यवसाय प्रसाद दुकाने, नारियल, माता की चुन्नी, ध्वजा, होटल, लॉज, अन्य धार्मिक सामग्रियों की दुकानें, गोदना, टैटू से लेकर खिलौना, फोटो, माता की विभिन्न सामग्रियां सहित अन्य दुकानदार खासे परेशान हैं। लाज व होटल तो 19 मार्च से ही पूरी तरह बंद है तथा अपने कर्मचारियों को बैठे तनख्वाह, बिजली बिल सहित अन्य खर्चे भी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में वे आर्थिक परेशानी को लेकर खासे चिंतित हैं। सभी व्यवसायियों ने प्रदेश सरकार से इस दिशा में रियायत प्रदान करने की अपेक्षा व्यक्त की है।
पशु पक्षी भी है परेशान
माई की नगरी में लॉकडाउन का असर पशु पक्षियों को भी झेलना पड़ रहा है इसका मुख्य कारण दर्शनार्थियों का ना होना है। छीरपानी तालाब की मछलियां भी दर्शनार्थियों की राह तक रही हैं तथा आसपास गाय कुत्ते ऊपर मंदिर में बंदर गिलहरी व अन्य पशु पक्षी भी दर्शनार्थियों की राह देख रहे हैं। क्योंकि इनका पेट दर्शनार्थ ही भरते थे इसलिए वे भी लॉकडाउन के कारण प्रभावित हैं और माता के भक्तों की राह देख रहे हैं।
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