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बारिश से पहले चोरी की रेत डंप कर रहे तस्कर

locationराजनंदगांवPublished: Jun 16, 2018 11:51:50 am

Submitted by:

Nakul Sinha

मासुलजोब क्षेत्र में चल रहा अवैध खनन

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बारिश से पहले चोरी की रेत डंप कर रहे तस्कर

राजनांदगांव / सड़क चिरचारी. वन परिक्षेत्र बागनदी के अंतर्गत आने वाले सड़क चिरचारी क्षेत्र से रेत तस्करी कम होने के बजाय और बढ़ता जा रहा है। खनिज रायल्टी पर्ची में छुरिया क्षेत्र में दो जगह से ही रेत मिलता है, डोंगरगांव व झितराटोला। झितराटोला से रेत निकासी फिलहाल बंद है और क्षेत्र में रेत का अथाह स्थल माने जाने वाले मासुलजोब क्षेत्र में ही है, जो वन विभाग के आधीन है। रेत तस्करो की निगाह मासुलजोब क्षेत्र पर ही टिका है, जहां से बिना किसी डर व भय के रोज रेत निकाला जा रहा है।
तस्करों को मिली खुली छूट
यह बात समझ से परे है, कि वन विभाग इन तस्करों पर क्यों लगाम नही लगा पा रहा है। वन अमला द्वारा तार घेरा और सीपीटी नाली का निर्माण कर रेत तस्करी में लगे ट्रेक्टर, माजदा जैसे चार पहिया वाहनों को रोकने का प्रयास सिर्फ दिखावा के लिये है तभी तो रातभर छुरिया चिचोला और स्थानीय वाहन मालिक रेत चोरी के कार्य को अंजाम दे रहें हैं। वहीं नवागांव में रेत के लगभग 150 ट्रिप रेत डम्प किया गया है जिस पर किसी कर्मचारी-अधिकारी की निगाह नहीं पड़ रही हैं।
वन कर्मचारियों से सांठगांठ
वहीं बारिस से पहले जितना डम्प होगा उतना ही रेत तस्करो को मुनाफा होगा। कई ऐसे रेत चोर है जो पीएम आवास में रेत डालने की बात कहकर बाहर गांव मे रेत ले जाकर बेच रहे हैं। अब ऐसे में वन गार्ड, चपरासी एवं वन समिति के सदस्यों कि मिलीभगत से रेत तस्करी होने से इंकार नही किया जा सकता।
सुबह 3 बजे से शुरू हो जाती है तस्करी
मुनारा क्र.24 परिसर पिनकापार के परिेक्षत्र क्र.पीएफ 516 के पास से सीपीटी नाली निर्माण को मिट्टी डालकर रास्ता बनाया गया है और पेंसिग तार को निकाला गया है जो रास्ता से साफ नजर आता है जिस पर अब तक वन कर्मचारी की नजर क्यों नही पड़ी? या जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। रेत चोरी करने वाले पहट 3 बजे से सुबह 7 बजे तक रेत निकासी करते है।
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