जब राज्य समस्त कर्मचारी गण कोरोना जैसे वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए सरकारी प्रयास में तन मन धन से गली मोहल्ले से लेकर क्वारेंटाइन सेंटर, रेलवे स्टेशन में मजदूरों का स्वागत सत्कार चिकित्सालयों में सरकारी डॉक्टर नर्स अपने छोटे-छोटे बाल बच्चों को छोड़कर काम कर रही है तथा कर्मचारी अपनी स्वेच्छा से एक दिवस का वेतन दे रही है। ऐसी स्थिति में आर्थिक संकट का बहाना कर कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का आदेश तुगलकी फरमान है तथा एक अच्छी सरकार की लोकप्रियता में कमी लाती है।
कर्मचारियों को एक हजार से 6 हजार रू. प्रतिमाह नुकसान होगा यदि राज्य सरकार वेतन वृद्धि को रोकती है तो 1 से लेकर आखिरी लेवल तक के अधिकारियों कर्मचारियों को एक हजार से ६ हजार रू. प्रतिमाह नुकसान होगा। छत्तीसगढ़ व्याख्याता संघ ने राज्य सरकार की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश का विरोध करते मुख्यमंत्री से अपील करते कर्मचारी हितैषी छवि को बनाए रखने के लिए इस तुगलकी आदेश वापस लेने की मांग की है ताकि कर्मचारी राष्ट्रीय आपदा की चुनौती पूर्ण कार्य को तन मन धन से उत्साहपूर्ण करें और सरकार के कदम से कदम मिलाकर काम कर सके।