प्रदर्शनकारियों ने इसे तत्काल मीनू से हटाने की मांग रखी है। जल्द इस निर्णय को सरकार द्वारा वापस नहीं लिया जाता है, तो कबीर पंथ के आचार्य प्रकाश मुनी साहेब १७ जुलाई को दामाखेड़ा में रायपुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजगार्म पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठेंगे।
कबीरपंथ समाज का कहना है कि स्कूल व आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा परोसा जाना कतई सही नहीं है। यह मांसाहार है। यह मानवीय आहार में शामिल नहीं है। इसे मध्याह्न भोजन के मीनू से अलग किया जाए, जिसे अच्छा लगता है, वह निजी रूप से इसका सेवन करें।
गुरुवार को कबीरपंथ व साहू समाज के लोग करीब सौ से अधिक की संख्या में कलक्टोरेट पहुंचे। यहां परिसर में ही वे धरने पर बैठकर कलक्टर से मिलने का आग्रह करते रहे। करीब आधी घंटे तक प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने पांच लोगों को मिलने बुलाया। उनकी बातों को सुना और ज्ञापन लेते हुए शासन तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन की प्रतिलिपि पूर्व मुख्यमंत्री व राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडेय व जिला शिक्षा अध्किारी को भी प्रेषित किया गया है।
ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के अध्यक्ष उत्तम साहू, उपाध्यक्ष कौशल साहू, सचिव तारेश्वर दास साहू, संगठन सचिव प्रकाश साहू, कोषाध्यक्ष नरवरदास साहू सहित अन्य मौजूद रहे।
समाज के सदस्यों ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को मांसाहारी देना उचित नहीं है। बच्चे नादान और मासूम होते हैं, अनजाने में बच्चे अंडे का सेवन कर सकते हैं। अगर स्कूल व आंगनबाडिय़ों अंडे देने के निर्णय को सरकार वापस नहीं लेती, तो आने वाले समय में कबीरपंथ और विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से प्रदेशभर में चक्काजाम कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।