जिस प्रकार से भाजपा के शासन काल में पत्थर खदान संचालक द्वारा प्रशासन की नियमों की धज्जियां उड़ाई है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने पत्थर खदानों की ओर झांककर तक देखने की जहमत तक नही उठा पाया। जिसके कारण खदान संचालक द्वारा मनमानी करते हुए शासन को करोड़ों रूपए का चूना लगाने का काम किया। लेकिन पत्थर खदानों की चौड़ाई व गहराई की मापन किया जाता है तो प्रशासन को करोड़ों रूपए पैनाल्टी मिलगी।
भरकाटोला में स्थित पत्थर खदान अब खाई में तब्दील हो गई है। जिसके कारण सबसे ज्यादा खदान के आसपास के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसान सबसे ज्यादा परेशानी खेती किसानी के समय में खेतों में पानी नही रूकता है। पत्थर खदान की अत्यधिक गहराई होने की वजह से खेतों का पूरा पानी सूख जाता है। जिसके चलते किसान हर साल परेशानी झेलते है। किसानों ने कई बार प्रशासन को इस संबध में अवगत करा चुके है। इसके बाद भी भाजपा नेता व ऊंची पहुंच होने के कारण शिकायत सिर्फ काजगों में ही दौड़ता रहा। लेकिन अब किसानों को कांग्रेस की सरकार आते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने नियमों को लेकर कड़ाई दिखाई है जिस कारण अब उम्मीद जगी है।