राजनांदगांव में मिलेंगे ऐसे गार्डन जहां गायब है हरियाली और छाई है वीरानगी फिर भी...
सुबह शाम ताजी हवा लेने के लिए लोगों के लिए पार्क सबसे अच्छा स्थान होता है। झूले और मनोरंजन के साधन मिलने से बच्चे भी यहां पहुंचते हैं और हरियाली भी आकर्षित करती है लेकिन अगर यह तीनों चीजें न मिलें तो पार्क में वीरानगी ही छाएगी। कुछ ऐसे हैं राजनांदगांव शहर के पार्क।
राजनंदगांव
Updated: April 20, 2022 09:13:08 pm
शहर में बने नेहरु उद्यान और फूड पार्क उद्यान नगर निगम की उपेक्षा और रख-रखाव के अभाव में उजाड़ हो रहे हैं। गार्डन पूरी तरह खराब हो गया है, जहां एक समय लोग सबेरे गुमने जाना पसंद करते थे। अब तो चारों ओर गंदगी पसरी हुई है, जो पौधे लगाए थे वह भी गायब हो चुके हैं।
शहर में बने नेहरु उद्यान और फूड पार्क उद्यान नगर निगम प्रशाासन की उपेक्षा और अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। गार्डन पूरी तरह खराब हो गया है, यहां सुकून देने वाली हरियाली नहीं है। लोग यहां जाना पसंद नहीं कर रहे।
शहर के गार्डन प्रेमी जनता में मायूसी छाई हुई है। गर्मी के मौसम में भी बच्चों को समय बिताने के लिए उद्यान और यहां मौजूद मनोरंजन, व्यायाम आदि की वस्तुएं नसीब नहीं हो रही। जबकि इसके रख-रखाव में निगम प्रशासन हर सालों लाखों रुपए फूंकने का दावा कर रहा है।
कोरोना संक्रमण के दौर में मार्निंग वाक और बाग-बगीचे में सुबह-शाम सैर करने वालों के लिए नेहरु उद्यान को कारगर माना जा रहा था, लेकिन देखरेख के अभाव में उद्यान उजाड़ हो रहा है, इसके चलते लोगों की आवाजाही में कमी आ गई है और उद्यान में असामाजिक तत्वों ने डेरा जमा लिया है। उद्यानों को लेकर नगर निगम प्रशासन भी उदासीन बना है।
यहां समय-समय पर पौधे में पानी नहीं देने से कई पौधे सूख चुके हैं। गार्डन में रखे समान भी टूट-फूट हो गई है। यहां लगे ग्रील तक को चोरी कर लिया गया है। बच्चों के खेलने के लिए लगाया गया झूला और कई सामानों को अता-पता नहीं है। यहां लगे टाइल्स में दरारें पडऩे लगी है। फ्रूटपार्क का बोर्ड जमीन पर बिखरे पड़े हुए हैं।

पार्क में वीरानगी
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