राजनंदगांव

सहायता राशि व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने भटक रहे हैं पीडि़त परिवार

कुर्सीपार में नक्सली सहित दो ग्रामीण की हत्या

राजनंदगांवJun 16, 2018 / 11:39 am

Nakul Sinha

सहायता राशि व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने भटक रहे हैं पीडि़त परिवार

राजनांदगांव / डोंगरगढ़. 29 मई को कुर्सीपार में एक नक्सली सहित दो ग्रामीणों की हत्या के मामले में आज कुर्सीपार के ग्रामीणों ने डोंगरगढ़ पहुंचकर एसडीएम, एसडीओपी कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर गांव में शांति व्यवस्था बनाने की मांग की।
एसडीएम को बनाया जांच अधिकारी
इस प्रकरण की जांच में जांच अधिकारी एसडीएम प्रेमलता चंदेल को बनाया गया है, जहां ग्रामीणो के बयान होना बाकी है। एसडीएम ने बताया कि सभी पक्षों के बयान उपरांत ही आगे की कार्यवाही की जायेगी। वहीं पीडि़त ग्रामीण मृत्युप्रमाण पत्र बनाने एसपी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें बोरतलाव थाने से प्रमाण पत्र लेने के निर्देश दिये गये। ज्ञात हो कि पीडि़त पक्ष के 12 रूपये बीमा के साथ ही तेंदुपत्ता बोनस के लाभ भी मिलना है।और परिजन जांच के साथ ही मिलने वाली सहायता राशि के लिए काट रहे है।
नक्सली समझकर दो ग्रामीणों को भी मार गिराया
ज्ञात हो कि मंगलवार दोपहर साढ़े दस बजे गांव के ही राजकुमार व रूपलाल मरकाम जंगल में बांस लाने गये थे, जहां नक्सलियों ने उन्हें प्लास्टिक केन में पानी लाने को कहा और वे पानी भरकर जा रहे थे। इसी बीच सुरक्षाकर्मियो ने इनसे पूछताछ की जिस पर मामला वहां तक पहुंचा जहां दो नक्सली थे। जिसमें सुरक्षाकर्मी को देख एक नक्सली भागने में सफल रहा व एक सुरक्षाकर्मियों के हत्थे चढ़ गया। जहां गांव से आधा किमी दूर शीतला के आगे नत्थू सरदार के खेत की यह घटना थी जहां गोली चलने की आवाज गांव तक सुनाई आयी। गांव के पकड़ आये युवकों को सुरक्षाकर्मियों ने पूछताछ करते हुए बेदम पिटाई की जिस पर गांव के ही युवकों ने उगला भी होगा किंतु पुलिस ने नक्सली के साथ ही दोनों युवकों को गोली चलाकर स्थल पर ही मार दिया और गांव में बिना सूचना दिये कोहकटटा घोटिया के रास्ते तीनों मृतकों की लाश को राजनांदगांव ले गये और वहां पहुचने के बाद पुलिस ने ग्राम चौथना के सरपंच कन्हैया वर्मा को सूचना देते हुए दो युवकों के मारे जाने की खबर दी थी।
ग्राम में दशहत का माहौल
ग्रामीणो ने आगे बताया कि लगभग 90 की जनस्ंाख्या वाला ग्राम चौथना का आश्रित ग्राम कुर्सीपार में अब दहशत का माहौल है। एक ओर नक्सली है व दूसरी ओर पुलिस। इन दोनों के बीच ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। मारे गये दोनों युवकों के तीन तीन बच्चे है जो बेसहारा व अनाथ हो गये है। सरकार चाहे तो हमें दूसरी जगह जमीन दे दे, हम वहीं रह लेंगे किंतु निर्दोष लोगों को नहीं मारना था। ग्रामीणों ने आगे बताया कि पानी के लिए आये नक्सली निहत्थे थे और ग्रामीण भी। किंतु पुलिस द्वारा जप्ती में बंदूक, गंजी, वायर, वाकीटाकी, कैंची, बैग एवं बस्ते आदि सामान योजनाबद्ध तरीके से हुआ है जबकि बोरतलाव थाने से ठाकुर नामक व्यक्ति ने थाने से अंकलहीन नामक कोटवार को दो बजे फोन पर इसकी सूचना दी थी तथा पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों को फोटो से पहचान कराकर डेडबाडी दी गई। जहां झिल्ली में लिपटी डेडबाडी को देखा तो गांववालो के कनपटी, सीने में गोलियो के निशान पाये गये थे।
कार्यवाही की मांग
ज्ञापन सौपने वालों में ग्रामीणों ंके साथ मनोज नेताम, कमलेश वर्मा, कन्हैया वर्मा आदि उपस्थित थे। इस संबंध में सर्व आदिवासी समाज नै राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर नक्सली घटना मैं निर्दोष आदिवासियों को मारने की जांच कराने की मांग की थी। इस संबंध में एसडीएम ने बताया कि सभी पक्षों के बयान उपरांत ही आगे की कार्यवाही की जायेगी।
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