ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी शासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से अतिक्रमणकर्ता शिक्षक के हौसले बुलंद है और इससे आगे चलकर पूरा ग्राम बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बनी हुई है। किंतु राजनीतिक संरक्षण प्राप्त इस शिक्षक के कान में जूं भी नहीं रेंग रही। कहा जाता है कि शिक्षक समाज को एक दिशा देते हैं किंतु उक्त शिक्षक समाज को अतिक्रमण करने की दिशा दे रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी फूट सकता है। पटवारी के खिलाफ भी ग्रामवासी लामबंद होकर जिलाधीश से शिकायत करने का मनसा बना चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में तहसीलदार से भी शिकायत की गई है किंतु इस मामले में तहसील प्रशासन भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।