प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों के द्वारा बसों और अन्य वाहनों में जिस प्रकार बच्चों को ठंूस-ठंूस कर कई किलोमीटर दूर-दूर से स्कूल लाया व ले जाया जाता है और क्लास रूम में भी जरूरत से ज्यादा बच्चों को बैठाया जाता है, ऐसे स्थिति में स्कूल खोलने की जल्दबाजी किया जाना उचित नहीं होगा।
सरकार को पूरी तैयारी और पूरी जिम्मेदारी के साथ कोई निर्णय लेना चाहिए संघ के अध्यक्ष पॉल का कहना है कि कोरोना का कोई वैक्सीन देश में नहीं है और बच्चे इस महामारी से जल्द संक्रमित हो सकते हंै। इसलिए सरकार को पूरी तैयारी और पूरी जिम्मेदारी के साथ कोई निर्णय लेना चाहिए। सिर्फ प्राइवेट स्कूलों के दबाव में आकर यदि सरकार कोई निर्णय लेगी, तो एसोसियेशन इस निर्णय को हाईकोर्ट में चैलेंज करेगा।
टीचरों के वेतन को लेकर पहले ही बवाल फीस और टीचरों के वेतन को लेकर पहले ही प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। मामला हाईकोर्ट तक पंहुच चुका है और अब स्कूल आरंभ करने को लेकर भी मामला गर्म होते जा रहा है।