बुधवार को भी मानपुर तहसील में सबसे अधिक २६.७ मिमी बारिश हुई है। वहीं छुरिया में ९.८ मिमी और मोहला में ४.२ मिमी बारिश दर्ज की गई है। बुधवार की स्थिति में जिलेभर में ४९.७ मिमी बारिश हुई है। जिले के अन्य तहसील छुईखदान में २.३ मिमी, खैरागढ़ १.२ मिमी, डोंगरगढ़ २.७ मिमी, राजनांदगांव १.६ मिमी, डोंगरगांव १.५ मिमी, चौकी ०.८ मिमी बारिश हुई है। वहीं गंडई में बारिश नहीं हुई है।
48 लाख रुपए की लागत से बनी है पुलिया मिली जानकारी अनुसार यह पुल मंगलवार को ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। इससे दोनों तरफ रातभर ग्रामीण और मवेशी फंसे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का निर्माण वन विभाग द्वारा कराया गया है, जिसका निर्माण वर्ष 2014 में 48 की लाख की लागत से किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पुलिया निर्माण के समय शासन के मापदंडों का ध्यान नहीं रखा गया और गुणवक्ताहीन पुल का निर्माण कार्य एजेंसी वन विभाग द्वारा करवा दिया गया, जिसके कारण मंगलवार के दिन पुलिया पूरी तरह ढह गई।
पांच साल में बह गई पुलिया बताया गया कि इस पुलिया से पानी बहकर बोरिया नदी में जाता है। इस पुल में पल्लेमाड़ी, डुलकी माइंस और कमकासुर एवं कोसमी इन सभी जगहों के पानी का बहाव इस पुलिया से होता है। इसे देखते हुए यहां पुलिया का निर्माण किया गया था। लेकिन यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पांच साल में ही पुलिया बीच से बह गया है। इसके अलावा इस मार्ग में वन विभाग द्वारा चार पुल का निर्माण कराया गया है, उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
पहुंचे थे सीईओ व विधायक गांव के हेमलाल, तलवार बोगा, बुधारू दुग्गा, मंशाराम दुग्गा, मनेश दुग्गा, शिवलाल बोगा, रामप्रसाद कोमरे, मनकेर बोगा, जगत बोगा, चैतराम पटेल ने बताया कि इस पुल के ढहने से हम लोगों का इधर से आना-जाना बंद हो गया, जिसके कारण भारी परेशानी हो रही है। पुल बहने की खबर सुनकर मोहला-मानपुर सीईओ डीडी मंडले, विधायक और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनीष निर्मलकर भी पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात भी की।
आवागमन बाधित नहीं हुआ प्रभारी तहसीलदार सुरेंद्र उर्वासा ने बताया कि पुल के टूटने से आवागमन बाधित नहीं हुआ है। ग्रामीण दूसरे रास्ते से अपने गांव पहुंच रहे हंै। जक्के स्थित बेस कैंप माइन्स स्थित कैम्प का भी आवागमन होता है।