फिल्म के कलाकार यशवंत ने बताया कि इस फिल्म का चयन न्यूयार्क में होने वाले फिल्म फेस्टिवल के लिए किया गया था परंतु कोविड-19 के कारण जून जुलाई में होने वाला यह फेस्टिवल टल गया। जिसके बाद अमेरिका के एक टीवी चैनल बी-बॉप में इसका प्रदर्शन किया जा रहा है। यशवंत आनंद गुप्ता, नीरज और सुरभि सक्रिय रूप से रंगमंच से जुड़े हुए हैं और पिछले 6 वर्षों से रंगमंच के साथ-साथ फिल्मों में भी काम कर रहे हैं। लगभग एक महीने तक अन्य कलाकारों के साथ मिलकर इस फिल्म की तैयारी की जिसके बाद गरियाबंद के घने जंगल में इस फिल्म की शूटिंग की गई।
भोजपुरी के 25 कलाकारों ने किया है काम फिल्म की कलाकार सुरभि ने बताया कि यह फिल्म छत्तीसगढ़ की सभ्यता यहां के रीति रिवाज को दर्शाती है। फिल्म के सिनेमेटोग्राफी अविनाश बावनकर ने की है। इस फिल्म के निर्माता डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया की फिल्म में छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के 25 कलाकारों ने काम किया है। जिनके साथ ही राजनांदगांव के तीनों कलाकारों यशवंत, नीरज और सुरभि के अभिनय की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे और कलाकारों की जरूरत हमारी इंडस्ट्री में है, ताकि हम ऐसे ही अच्छी फिल्में बना सके।
तीनों कलाकार शहर का नाम कर रहे रोशन सृजन रंगयात्रा के संस्थापक शरद श्रीवास्तव ने अपने कलाकारों को बधाई देते कहा कि राजनांदगांव शहर के यह तीनों कलाकार पिछले कई वर्षों से शहर की एक मात्र नाट्य संस्था सृजन रंग यात्रा से जुड़े हुए है और अपने नाटकों के जरिए शहर का नाम रोशन करते रहे हैं। देश के अलग-अलग मंचों पर अपने अभिनय के लिए सम्मानित भी हो चुके हैं। मंच पर नाटकों के अलावा इन्होंने कई शॉर्ट एवं फिचर फिल्मों में भी अभिनय किया हैै। संस्कारधानी राजनांदगांव के सभी कलाकारों ने फिल्म की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी हैं।