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शहर हो या गांव सभी जगह धड़ल्ले से जारी है पालीथिन की बिक्री व उपयोग

locationराजनंदगांवPublished: May 25, 2019 09:58:37 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

प्लास्टिक व पालिथिन बंद करने कलक्टर ने अधिकारियों की ली थी बैठक

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शहर हो या गांव सभी जगह धड़ल्ले से जारी है पालीथिन की बिक्री व उपयोग

राजनांदगांव / अंबागढ़ चौकी. पालीथिन प्रतिबंध को लेकर जिला कलक्टर ने अधिकारियों की बैठक लेकर आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन पालीथिन, प्लास्टिक कैरी बैग, क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक, डिस्पोजल का उपयोग थमने का नाम ही नही ले रहा है। शहर, गांव सभी जगह पालीथिन की ब्रिकी जोरो पर है जिसका उपयोग हर कोई व्यक्ति कर रहा है। इधर शासन-प्रशासन पालीथिन को प्रतिबंधित करने के लिए हजारों उपाय कर रही है। यहां तक धारा 49 के तहत पालीथिन की बिक्री करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना की बात भी कह रही है लेकिन इसका भी डर दुकानदारों को जरा भी नही है और खुलेआम पालीथिन की खरीदी बिक्री चालू है। जबकि कलक्टर मौर्य ने कुछ समय पहले अधिकारियों की बैठक लेकर नगरी निकाय से लेकर जनपद पंचायत व ग्राम पंचायतों को साफ -साफ निर्देश जारी किया गया है कि सामूहिक कार्यक्रमों में डिस्पोजल सहित प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंधित किया जाए और सार्वजनिक बाजारों, सार्वजनिक स्थानों, दुकानों, धार्मिक स्थलों में पालीथिन के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध किया जाए।
नही दिख रहा है प्रशासन का असर
शासन प्रशासन ने पालीथिन पूर्ण प्रतिबंध को लेकर आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन आदेश का असर ना तो नगर में देखने को मिल रहा है और ना ही ग्राम पंचायतो में। आदेश जारी होने के बाद से अभी तक शून्य कार्रवाई बनी हुई है जिससे दुकानदार बेखौफ पॉलीथिन की बिक्री करने में लगे हुए जिसका इस्तेमाल आम जनता भी बखूबी कर रहे है।
जनपद सीईओ ने बैठक लेकर दिए निर्देश
कलक्टर के जारी आदेश के बाद अंबागढ़ चौकी जनपद पंचायत सीईओ डेहारी ने मोहला-मानपुर व खुज्जी विधानसभा से लगे सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों की दो पाली में बैठक लेकर पालीथिन प्रतिबंध को लेकर चर्चा की गई जिसमें सीईओ ने निर्देश दिया था कि पंचायत स्तर पर पालीथिन को लेकर अभियान शुरू की जाए और धारा 49 के तहत नियमों की जानकारी देते हुए दुकानों, बाजारों में निरीक्षण के साथ जुर्माना और दुकानो पर कार्रवाई भी करे। इसका उपयोग करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई पंचायत को करने के लिए कहा गया है। साथ ही प्रतिबंध की कार्रवाई का प्रतिवेदन बनाकर जनपद पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत करने कहा गया है।
पालीथिन के दुष्प्रभाव
भारत में लगभग दस से पंद्रह हजार इकाइयां पॉलीथीन का निर्माण कर रही हैं। सन 1990 के आंकड़ों के अनुसार हमारे देश में इसकी खपत 20 हजार टन थी जो अब बढ़कर तीन से चार लाख टन तक पहुंचने की सूचना है जो कि भविष्य के लिये खतरे का ***** है। लेकिन जब से पॉलीथीन प्रचलन में आया, पुरानी सभी पद्धतियां धरी रह गईं और कपड़े, जूट व कागज की जगह पॉलीथीन ने ले ली। पॉलीथीन या प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का एक बार प्रयोग करने के बाद दोबारा प्रयोग में नहीं लिया जा सकता है लिहाजा इसे फेंकना ही पड़ता है। और आज तो यत्र-तत्र सर्वत्र पॉली ही पॉली दिखाइ देती है जो संपूर्ण पर्यावरण को दूषित कर रही है। यह पॉली निर्मित वस्तुएं प्रकृति में विलय नहीं हो पाती हैं यानि यह बायोडिग्रेडेबल पदार्थ नहीं है। खेत खलिहान जहां भी यह होगा वहां की उर्वरा शक्ति कम हो जाएगी और इसके नीचे दबे बीज भी अंकुरित नहीं हो पाएंगे। अत: भूमि बंजर हो जाती है। इससे बड़ी समस्या नालियां अवरुद्ध होने को आती हैं। जहां-तहां कूड़े से भरे पॉलीथीन वातावरण को प्रदूषित करते हैं। खाने योग्य वस्तुओं के छिलके पॉली में बंदकर फेंके जाने से पशु इनका सेवन पॉलीथीन सहित कर लेते हैं, जो नुकसानदेय है और यहां तक की पशुओं की मृत्यु तक हो जाती है।
समय-समय पर कर रहे कार्रवाई
सीएमओ जनपद पंचायत अंबागढ़ चौकी, संजय भीमटे ने कहा कि पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर नगरी निकाय के द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।

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