शहर के ममता नगर इलाके में ठेकेदार ने ऐसी सड़क बनाई है कि उस पर घास नजर आ रही है। गिट्टी, बोल्डर और इसके बाद दो परत में डामरीकरण के बाद भी हाल ऐसा है कि जमीन में उगी घास तक नहीं दब पाई है और अब ऐसा लगने लगा है कि डामरीकरण के बाद सड़क में घास उग रही है।
पिछले साल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नगर निगम ने शहर के अलग अलग इलाकों में ताबड़तोड़ सड़क बनाने का टेंडर जारी किया था। तीन चार अलग अलग ठेकेदारों ने सड़क का काम किया है। हालत यह थी कि रात में ठेकेदारों ने सड़कें बना दी और इस दौरान न ही ठेकेदार की ओर से कोई तकनीकी जानकार मौके पर मौजूद रहा और न ही नगर निगम के अमले ने निगरानी की। मजदूरों ने ही पूरी सड़क बनाई। आनन फानन में किए गए काम की पोल अब खुलने लगी है। गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने के कारण सड़कें खराब होने लगी हंै।
हुआ आधा अधूरा काम ममता नगर इलाकेे में गली नंबर ५ और इससे आगे आनंद विहार कॉलोनी की सड़क बनाने वाले ठेकेदार ने ऐसी सड़क बनाई है कि पहले जमीन में उगी हुई घास अब भी नजर आ रही है। डामरीकरण के पहले बजरी और बोल्डर डालकर उस पर रोलर चलाया गया था और इसके बाद मोटे गिट्टी के साथ डामर और फिर पतली गिट्टी के साथ डामर की परत चढाई गई। इसके बाद फिर रोलर चलाया गया। इतना होने के बाद भी घास सड़क में
नजर आ रही है तो काम में बरती गई लापरवाही को आसानी से समझा जा सकता है।
नजर आ रही है तो काम में बरती गई लापरवाही को आसानी से समझा जा सकता है।
हो रहे हादसे शहर के अधिकांश इलाकों में डामरीकरण के दौरान सड़क के किनारे छोड़ी गई जगह में मिलान नहीं किया गया। इस वजह से डामरीकरण और सड़क के किनारे में काफी अंतर आ गया है। ऐसे जगहों में गाडिय़ां अचानक स्लिप हो रही हैं और लोग गिर रहे हैं। इसके अलावा दुकानों आदि में पार्किंग करने के बाद वापस सड़क में गाड़ी चढ़ाने में लोगों को कठिनाई हो रही है।