बैंक सखी मॉडल योजना के तहत एक सामान्य घरेलू महिला प्रशिक्षण प्राप्त कर बैंक सखी के रूप मे कार्य करके परिवार की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक हो रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम फरहद की निवासी ममता पटेल ऐसी ही महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह से जुड़कर बैंक सखी के रूप में कार्य करके परिवार को आर्थिक रूप से मदद कर रही है और अपने परिवार का सहारा बन गई है।
बैंक सखी की आवश्यकता बैंक सखी मॉडल गांवों के लोगों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। बैंकों द्वारा उपलब्ध विभिन्न सेवाओं को गांवों की ही समूह से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से ग्राम स्तर तक पहुंच बनाते हुए इसकी समझ विकसित किया गया है। जिले में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं।
बैंक सखी मॉडल को अन्य क्षेत्रों में लागू करना बैंक सखी का कार्य ग्रामीणों को गांव स्तर पर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना है। गांव स्तर पर बहुत सी योजनाएं लागू हैं। जिनके अंतर्गत राशि के लेन-देन के लिए बैंक सखी एक माध्यम के रूप मे कार्य करके अपनी सेवाएं दे रही हैं। पेंशन एवं मनरेगा मजदूरी का गांव स्तर पर हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा हैं। आज कल हर क्षेत्र में हितग्राहियों का बैंक खाता में आधार लिंकिंग होना अनिवार्य हैं। इसके लिए बैंक सखी का सहयोग लिया जा रहा हैं।