14 मई को गांव लौटे मृतक और उसका परिवार 28 मई को क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद अपने घर लौटा था। शुक्रवार को उसकी अचानक तबियत बिगडऩे पर उसे परिजन खैरागढ़ सिविल अस्पताल लेकर आए थे मामला गंभीर होने के बाद उसे रिफर करते राजनांदगांव मेडिकल कालेज भेजा गया था जहां उसकी मौत हो गई।
रिपोर्ट का पता चलने पर स्वास्थ्य अमले ने राहत की सांस ली शनिवार सुबह इसकी सूचना मिलते ही बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन मृतक के गांव पहुंचे और इसकी जानकारी ली। परिवार के सदस्यों का भी परीक्षण किया गया। मृतक समेत परिवार में कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए। बसंत निषाद की मौत बे्रन हेमरेज से होना बताया गया जिसके बाद स्वास्थ्य अमले ने राहत की सांस ली। शनिवार को ही गांव में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।