विगत 5 वर्षों से मौसम की इसी तरह बेरुखी के चलते पर्याप्त बारिश नहीं हो पाने से वैसे भी लगातार जल स्तर काफी नीचे चला गया है। जैसे-तैसे किसान मोटर पंप को काफी गहराई में डालकर चलाने की कोशिश कर रहे हैं परंतु पूरे क्षेत्र में बिजली की कटौती के चलते खेतों में पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पा रही है। किसानों के हर दुख-सुख में साथी बने रहने का दावा करने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। खबरों के अनुसार विगत 5 वर्षों से कम बारिश के बावजूद भी लगभग 42 गांव के लिए स्थापित बिजली वितरण केंद्र एवं सभी स्टेशन को अब तक अपग्रेड करने में विभाग एवं जनप्रतिनिधियों ने कोई विशेष प्रयास नहीं किया है।
क्षेत्रवासियों को किया जा रहा गुमराह सभी स्टेशन घुमका से कुल 3 फीडर के बिजली सप्लाई के लिए पर्याप्त क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर की जरूरत बताई जा रही है। जिसमें मुड़पार फीडर के लिए 5 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर की जरूरत को लेकर लगातार क्षेत्र के किसानों ने आवाज उठाया परंतु विभाग की ओर से हमेशा किसानों एवं क्षेत्रवासियों को गुमराह किया जाता रहा है। वर्तमान में लोड बढ़ जाने के बाद हो रहे हल्ला गुल्ला को लेकर मुख्य अभियंता एवं अधिकारियों का एक दल शुक्रवार को घुमका सब स्टेशन पहुंचे थे जहां मौके पर निरीक्षण करने पर उक्त ट्रांसफार्मर की जरूरत महसूस की गई एवं कार्यपालन अभियंता बीआर मूर्ति को जल्द ट्रांसफार्मर स्थापित करने का निर्देश भी अधिकारियों ने दिया।
बढ़ रहा किसानों का गुस्सा ज्ञात हो कि पखवाड़े भर से आसपास के कई गांव के लोग प्रतिदिन सब स्टेशन का घेराव करने पहुंचते हैं जिसके चलते कई बार कानून व्यवस्था बिगडऩे की स्थिति बन जाती है और मौके पर पुलिस बल बुलाना पड़ता है तब जाकर किसानों को बमुश्किल वापस भेजा जाता है। इसी तरह की अगर स्थिति बनी रही तो कभी भी किसानों का गुस्सा उग्र रूप धारण कर सकता है। ओवरलोड की समस्या को लेकर जानकार सूत्रों के अनुसार बेतहाशा नियम विरुद्ध कई गांव में मनमाने ढंग से अस्थाई कनेक्शन बांटने के कारण पूरी व्यवस्था को चौपट होना बताया जा रहा है। वही एक कनेक्शन की आड़ में नाले के आसपास के गांव में काफी अवैध कनेक्शन चलना बताया जा रहा है। खजरी, बोटेपार, औरदा, रिवागहन, भालुकोहा, मोहंदी, कलेवा, क्वार, झोरी, बरबसपुर से उपरवाह मुड़पार से दुडिय़ा करेला नाले के किनारे बसे गांव के खेत खार में लगे कनेक्शनों की जांच जरूरी बताया जा रहा है।
क्षेत्रवासी और किसान भुगत रहे खामियाजा वही घुमका वितरण केंद्र को अघोषित रूप से कनिष्ठ अभियंता के लिए प्रशिक्षण केंद्र बना दिया गया है। विगत तीन-चार सालों से अब तक स्थाई कनिष्ठ अभियंता की पदस्थापना नहीं की जा रही है। साथ ही 42 गांव के लिए स्थापित विद्युत वितरण केंद्र में पर्याप्त मैदानी कर्मचारियों का एकदम अभाव बताया जा रहा है। वर्तमान में संविदा एवं ठेका कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है। साथ ही पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं है जिसके चलते किसी भी फाल्ट को सुधारने में काफी समय लग जाता है और क्षेत्रवासी तथा किसान इसका खामियाजा भुगत रहे। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार लगभग 7 करोड़ रुपए का राजस्व झुमका वितरण केंद्र से हर महीने विभाग को मिलता है परंतु बदले में सुविधा के नाम पर केवल झुनझुना कमाया जा रहा है। कुल मिलाकर अगर यही स्थिति रही और सप्ताह भर में सुधार नहीं हो पाया तो आशंका जताई जा रही है की क्षेत्र के किसान उग्र रूप धारण कर वितरण केंद्र का घेराव और ***** जाम भी कर सकते हैं।
बहुत जल्द समस्या हल होगी विद्युत वितरण राजनांदगांव के कार्यपालन अभियंता वीआरके मूर्ति ने कहा कि बारिश नहीं हो पाने के कारण ये स्थिति बनी हुई है। कृषि पंपों के लगातार चलने से अचानक लोड बढ़ गया है। सब स्टेशन के पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जा रही है। बहुत जल्द समस्या हल होगी।