किसान दीनदयाल वर्मा, रविन्द्र जंघेल, हरिशंकर, चूनू वर्मा, महेश वर्मा, चंद्रशेखर जंघेल ने बताया कि फैक्ट्री से जहरीला पानी नाला व नहर नाली से होते हुए खेतों तक पहुंचकर बोआई की गई धान की फसल को पूरी तरह से खराब कर दिया है। जिस खेत में ये जहरीला पानी जा रहा है। वहां की फसल पूरी तरह से चौपट हो रहा है। सप्ताह भर से नाला व नहर नाली के आसपास जितने भी खेतों में यह जहरीला पानी समाहित हुआ है। उस खेतों की फसलों की बर्बादी होना तय है।
किसानों ने बताया कि हजारों रूपए खर्च कर धान की बोआई कर फसल तैयार किया गया। ऐन खेती किसानी के समय में फैक्ट्री संचालक की लापरवाही से लगभग 20 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है। डूमरडीहकला के ग्रामीण अब इसकी शिकायत कलक्टर से करने की तैयारी कर रहे है।
खेत व स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव फैक्ट्री से छोड़े गए जहरीले पानी का विपरीत प्रभाव खेतों के साथ-साथ गांव के लोगों पर पड़ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो इस क्षेत्र के खेती का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो रहा है। नाला के आसपास आधा दर्जन बोर के पानी का भी दूषित होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि बोर से निकलने वाले पानी से भी दुर्गंध आ रही है। पानी पीने लायक नहीं है।
नाला व नहरनाली के पानी में बदबू नहरनाली व नाला के साफ -सुथरा पानी में फैक्ट्री से जहरीला पानी समाहित होने से नाला व नहरनाली में बदबू फैली हुई है। अब यह पानी किसानों की खेतों तक पहुंच रहा है। नहरनाली में बह रहे पानी से बदबू आ रहा है। इस क्षेत्र के डूमरडीहकला, खपरीखुर्द होते हुए क्षेत्र के लगभग 5 किमी तक इसका विषाक्त पानी पहुंच चुका है। इस जहरीले पानी के चलते मछलियां भी मर गई है। मवेशियों के लिए खतरा बना हुआ है।