इसके बाद भी पंचायत स्तर के मामले की जांच होने के बाद भी उच्चधिकारी को प्रतिवेदन भेजने में इस तरह की लेटलतीफी कई सवालों को जन्म देता है। या यूं कहे कि एसडीएम की आदेश की किस प्रकार से उनके ही विभाग के अधिकारी अवहेलना कर रहे हैं। यह इस मामले में साफ-साफ दिख रहा है। ग्रामीण यहां तक भी कह रहे हैं कि जांच टीम के अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसके चलते आज तक जांच प्रतिवेदन एसडीएम तक नहीं पहुंच पाई है और दोबारा स्मरण पत्र भेजने की नौबत तक आई।
जांच टीम में ये अधिकारी रहे जिम्मेदार अधिकारी मरकामटोला पंचायत में नए तालाब निर्माण में सरपंच की मनमानी व लापरवाही कर मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरने की शिकायत ग्रामीणों ने की थी, जिसके बाद एसडीएम खैरागढ़ ने तत्काल टीम गठित कर जांच करने कहा। टीम में खैरागढ़ सीईओ रोशनी भगत टोप्पो, नायब तहसीलदार मनीषा देवांगन, यात्रिकी विकास विभाग के एसडीओ तनखीवाले, जलंससाधन विभाग के एसडीओ निलेश रामटेके शामिल थे। इन जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक जांच प्रतिवेदन नहीं दिया है।