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कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार द्वारा लागू न्याय योजना से किसानों को मिली मदद

locationराजनंदगांवPublished: May 30, 2020 05:57:31 am

Submitted by:

Nakul Sinha

प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस नेताओं ने दी जानकारी

The justice scheme implemented by the state government during the Corona period helped the farmers

प्रेसवार्ता में गंडई के सभी पार्षद व कांग्रेस के पदाधिकारी सोशल डिस्टेंस में मौजूद रहे।

राजनांदगांव / गंडई पंडरिया. कांग्रेस द्वारा पत्रकार वार्ता 27 मई को पंडरिया में रखी गई थी। जिसमें गंडई के कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए किए जा रहे कार्य की जानकारी पत्रकारों को दी ताकि मीडिया के द्वारा जानकारी किसानों को मिल सके। लाल टारकेश्वर शाह खुशरो प्रदेश उपाध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस द्वारा कहा गया कि मनरेगा को कृषि से जोडऩे पर किसान को मजदूर मिलने लगेगा, मजदूर को सही श्रम मूल्य मिलेगा। किसान न्याय योजना से किसानों को बड़ी मदद मिली है। राज्य के बाहर से आए मजदूर के लिए मनरेगा में काम दिया जाएगा। किसानों को बीज के लिए दिक्कत नहीं आएगी। धान अच्छे किस्म की बीज उपलब्ध है, किसान को बीज भंडारण भी करना चाहिए। किसान बहुत सजग है। किसान धान की खेती को ओर आकर्षित हुआ है। किसान के लिए केन्द्र की नीति सही नही है इसलिए किसान को चार किस्त में 2500 की बची राशि दे रही है।
मनरेगा को कृषि कार्य से जोडऩे की है योजना
मनरेगा को कृषि कार्य से जोडऩे की योजना है। यदि कृषि मजदूर को मनरेगा से भुगतान हो तो आर्थिक मजबूती मिलेगी। राज्य में किसान की स्थिति बदली है अब किसान द्वारा सब्जी उत्पादन से आय बढ़ा रही है। कांग्रेस द्वारा राजीव गांधी के शहादत दिवस को न्याय योजना लागू की गई है। यह योजना चुनाव पूर्व घोषणा को पूरा करने के लिए था। कोविड 19 के चलते पलायन को रोकने के लिए मनरेगा कारगार है। कृषि को मनरेगा से जोड़ा जाए। केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में लॉकडाउन का निर्णय लिया। ट्रेन, बस, हवाई जहाज बंद हो गया। यह महामारी भयवाह हो गई है।
छत्तीसगढ़ में किसानों के लाभ की बहुत योजना लागू है
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष साकेत दुबे ने कहा कि हमारे प्रदेश में कांग्रेस द्वारा किसानों के लाभ की बहुत योजना लागू है। किसानों के चना फसल का बीमा आना बाकी है। चावल की तीन किस्त भी मिलना है। सहकारी समिति में किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के फसल बीमा प्रोत्साहित भी किया जाता है। महेश दास रात्रे द्वारा कहा गया कि मजदूर गरीब किसान को कम दिया जाए जिससे पलायन रुकेगा। किसान को 2500 का मूल्य धान का दिया जा रहा है। केंद्र सभी खातों में 10 हजार जमा करें।
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