पट्टा पाने वाले खुश नहीं
डोंगरगांव आबादी भूमि का पट्टा वितरण कार्य होते ही पट्टे में जमीन की मात्रा को लेकर खासी नाराजगी देखी गई। वर्तमान कब्जे में जो जमीन आबादी में निवास करने वालों के पास है उससे काफी कम मात्रा पट्टे में दर्ज किया गया है। इसके बाद पट्टा पाने वालों के चेहरों पर हैरानी देखी गई और यह भय सताने लगा कि कब्जे की शेष भूमि क्या छोडऩी पड़ेगी या अब क्या होगा। यही नहीं पट्टे को महिलाओं के नाम जारी करने की जल्दबाजी में कहीं-कहीं परिवार की महिला मुखिया को छोड़कर शेष अन्य महिलाओं के नाम से भी पट्टा दे दिया गया है।
डोंगरगांव आबादी भूमि का पट्टा वितरण कार्य होते ही पट्टे में जमीन की मात्रा को लेकर खासी नाराजगी देखी गई। वर्तमान कब्जे में जो जमीन आबादी में निवास करने वालों के पास है उससे काफी कम मात्रा पट्टे में दर्ज किया गया है। इसके बाद पट्टा पाने वालों के चेहरों पर हैरानी देखी गई और यह भय सताने लगा कि कब्जे की शेष भूमि क्या छोडऩी पड़ेगी या अब क्या होगा। यही नहीं पट्टे को महिलाओं के नाम जारी करने की जल्दबाजी में कहीं-कहीं परिवार की महिला मुखिया को छोड़कर शेष अन्य महिलाओं के नाम से भी पट्टा दे दिया गया है।
पटवारी टेप लगाकर आगे बढ़ रहे
राजस्व विभाग दावा कर रहा है कि पटवारियों ने सर्वे कर सब कुछ किया है और ऐसा है तो सर्वे के बाद दावा आपत्ति में ऐसा दावा या आपत्ति किया जाना था और डोर-टू-डोर सर्वे में पटवारी बार-बार घर गए हैं, जबकि वास्तविकता उलट है। सर्वे के नाम पर मिले टारगेट के चलते घरों के बाहरी हिस्से में टेप लगाकर पटवारी आगे बढ़ते रहे और पूरी सूची बनायी गई। पट्टा वितरण के पूर्व की गई किसी भी प्रक्रिया की जानकारी लोगों को नहीं हो पाई जिसका नतीजा है कि पट्टा हाथ में मिलते ही पट्टाधारी हैरान हो गए।
राजस्व विभाग दावा कर रहा है कि पटवारियों ने सर्वे कर सब कुछ किया है और ऐसा है तो सर्वे के बाद दावा आपत्ति में ऐसा दावा या आपत्ति किया जाना था और डोर-टू-डोर सर्वे में पटवारी बार-बार घर गए हैं, जबकि वास्तविकता उलट है। सर्वे के नाम पर मिले टारगेट के चलते घरों के बाहरी हिस्से में टेप लगाकर पटवारी आगे बढ़ते रहे और पूरी सूची बनायी गई। पट्टा वितरण के पूर्व की गई किसी भी प्रक्रिया की जानकारी लोगों को नहीं हो पाई जिसका नतीजा है कि पट्टा हाथ में मिलते ही पट्टाधारी हैरान हो गए।
जितनी जमीन कब्जे में उतना ही पट्टा वितरण
तहसीलदार, प्रियंका देवांगन ने कहा कि पट्टा वितरण के पूर्व हमारे पटवारियों ने सर्वे कर नाम लिखे हैं और पूरी कार्यवाही की गई है, जितनी जमीन कब्जे में है उतने का पट्टा दिया गया है. नाम जानबूझकर गलत नहीं लिखे जाते।
तहसीलदार, प्रियंका देवांगन ने कहा कि पट्टा वितरण के पूर्व हमारे पटवारियों ने सर्वे कर नाम लिखे हैं और पूरी कार्यवाही की गई है, जितनी जमीन कब्जे में है उतने का पट्टा दिया गया है. नाम जानबूझकर गलत नहीं लिखे जाते।