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विरोध के बाद स्कूलों में जड़ा गया था ताला, नहीं पहुंचे शिक्षा विभाग के अफसर

locationराजनंदगांवPublished: Oct 13, 2019 10:43:17 am

Submitted by:

Nakul Sinha

समीक्षा बैठक में कलक्टर ने दिए निर्देश, स्थानांतरण का विरोध अब भी जारी, पालकों ने बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

The lock was set in schools after the protest, Education Department officials did not reach

स्कूल में बच्चे नहीं पहुंच रहे है।

राजनांदगांव. जिले में शिक्षकों का नियम विरूद्ध ट्रांसफर का विरोध अब भी जारी है। अटैच किए गए शिक्षक विरोध में अब तक नए पदास्थानांतरण वाले स्कूलों में ज्वानिंग नहीं दी है। इधर कुछ गांवों में अपने यहां पदस्थ शिक्षकों को शिक्षा सत्र के बीच में दूसरे स्कूल भेजने का भी विरोध हो रहा है। शनिवार को दशहरा छुट्टी के बाद जब स्कूल के पट खुले तो करीब आधा दर्जन गांवों में पालकों ने विरोध स्वरूप अपने बच्चों नहीं भेजा है। वहीं जिन स्कूलों में पालकों ने ताला जड़ दिया था, वहां भी अब तक शिक्षा विभाग के अफसर पहुंचकर जानकारी नहीं ली है।
दशहरा अवकाश के बाद नहीं खुले पट
सुरगी क्षेत्र के ग्राम मल्लपुरी के ग्रामीण अपने बच्चों को शनिवार को स्कूल नहीं भेजे। उपसरपंच व शाला प्रबंधन के उपाध्यक्ष कुंदन लाल चंद्राकर ने बताया कि वहां प्राथमिक स्कूल में ६३ बच्चे हैं। इस पर तीन शिक्षक है। एक शिक्षक को अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है। एक शिक्षक कार्यालयीन कार्य में व्यस्त होता है, तो दो शिक्षक कितना और क्या पढ़ाएंगे। विभाग द्वारा आंदोलनरत शिक्षकों को नए या पुराने पदस्थापना वाले स्कूलों में भेजने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां आगे भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया गया है। वहीं बागनदी प्राथमिक स्कूल में भी पालकों ने पिछले दिनों ताला जड़कर बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया था, शनिवार को भी पालकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। वहां भी शिक्षा विभाग के अफसर नहीं पहुंचे।
व्यवस्था बनाई जाएगी
प्रशासन व शिक्षा विभाग की माने तो डेढ़ महीनों में अटैच किए शिक्षकों को वापस उनके मूल पदस्थापना वाले स्कूलों में बुला लिया जाएगा। इस बीच ट्यूटर शिक्षकों की भर्ती कर स्कूलों में पदस्थापना कर व्यवस्था बनाई जाएगी। यदि ऐसा है, तो विभाग को पहले ही व्यवस्था करना था, शिक्षा सत्र के बीच में अटैचमेंट के चक्कर में पहले पदस्थ स्कूलों से रिलीव कर देने के बाद शिक्षकों का इसका विरोध करते आंदोलन में बैठने से स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो गई है। विभाग और शिक्षकों के बीच की लड़ाई का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा रहा है। इस बीच दशहरा-दिवाली की करीब २० दिनों की छुट्टी पड़ रही है, तो बाकी बचे समय में वहां जाने वाले शिक्षक बच्चों को कितना पढ़ा लेंगे।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
डीईओ, हेमंत उपाध्याय ने कहा कि 14 अक्टूबर से स्कूलों में परीक्षा आयोजित होनी है। इस दौरान शिक्षकों ने आंदोलन या धरना प्रदर्शन किया तो उन पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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