scriptवितरण कंपनी व ठेकेदार के बीच अपनी हक के लिए लड़ रहे आपरेटरों ने सीएम कोष में दिए 50 हजार | The operators working in the sub-centers told the PCC president pain | Patrika News

वितरण कंपनी व ठेकेदार के बीच अपनी हक के लिए लड़ रहे आपरेटरों ने सीएम कोष में दिए 50 हजार

locationराजनंदगांवPublished: May 02, 2020 07:43:21 pm

Submitted by:

Govind Sahu

33/11 केव्ही उपकेंद्रों में कार्यरत सालों से शोषित ऑपरेटरों ने पीसीसी अध्यक्ष को बताई अपनी पीड़ा

वितरण कंपनी व ठेकेदार के बीच अपनी हक के लिए लड़ रहे आपरेटरों ने सीएम कोष में दिए 50 हजार

वितरण कंपनी व ठेकेदार के बीच अपनी हक के लिए लड़ रहे आपरेटरों ने सीएम कोष में दिए 50 हजार

राजनांदगांव. 33/11 केव्ही उपकेंद्रों में कार्यरत ठेका परिचालकों ने भी कोरोना संक्रमण से लडऩे आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष एवं कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम के हाथों सीएम सहायता कोष में ५० हजार रुपए दान देकर सेवाभाव को राष्ट्रहित में सर्वोपरि महत्व दिया है।

अनुदान के साथ ही ठेका कर्मचारी मजदूर संघ ने ज्ञापन सौंपते हुए पीसीसी अध्यक्ष मरकाम को अवगत कराया कि समस्त सुविधाओं की मूल इकाई विद्युत होती है, जिसे आज विषम परिस्थिति में भी ठेका कर्मचारियों ने जान-जोखिम में डालकर विद्युत आपूर्ति को निरन्तर बनाए रखे हैं। ताकि लॉकडाउन में राज्य की जनता को किसी भी प्रकार से समस्या न हो एवं आपात सुविधाओ में बाधा उत्पन्न न हो। लेकिन इसके बाद भी इन ऑपरेटरों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।

संघ के महामंत्री दिनेश साहू ने बताया कि ठेका प्रथा राज्य के युवा कर्मचारियों के सिर्फ एक श्रापित प्रथा है, जिसमे आज की स्थिति में भी शोषण थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश सचिव खिलेश कुमार ने बताया कि विभाग की 90त्न सुचारु संचालन का श्रेय ठेका कर्मचारियों को जाता है। क्योंकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए समस्त ठेका कर्मचारियों को ड्यूटी पास तो प्रदान कर दी, लेकिन उन सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जिसे नियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिया जा रहा है, जो ठेका कर्मचारियों की सेवा का मजाक एवं अपमान है।

टूटने लगा है ठेका कर्मचारियो का मनोबल
मजदूर संघ के राज्य मंत्री सुरेंद्र सिन्हा ने पीसीसी अध्यक्ष को अवगत कराते हुए बताया की विभाग के द्वारा 13 अप्रैल को आदेशित करते नियमित, संविदा, दै.वे.भो. कर्मचारियों 5 से 8 लाख के स्पेशल दुर्घटना बीमा के दायरे में लाया गया, जिसमें ठेका कर्मचारियों को छोड़ दिया गया। इससे उन कर्मचारियों की कार्य के प्रति मनोबल टूट रहा है।

योद्धा कल्याण योजना के दायरे में शामिल
संघ के सलाहकार मोती लाल साहू ने बताया कि मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के ठेका कर्मचारियों को 50 लाख के योद्धा कल्याण योजना में सम्मिलित किया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारियों के कार्यों का मूल्यांकन योद्धा के रूप में नहीं किया जा रहा है।
इस पर पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने ठेका कर्मचारी मजदूर संघ को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आपकी समस्त मांग जायज है और मैं सरकार को ठेका प्रथा समाप्ति के लिए पत्र लिखूंगा, जिससे राज्य के युवा कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
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