आवाजाही सहित मिलेगी सिंचाई सुविधा
कुम्ही-कोयलीकछार के बीच आमनेर नदी पर दो करोड़ चालीस लाख रूपए की लागत से एनीकट का निर्माण कराया जाएगा। इस एनीकट में लगभग एक हजार क्यूबिक मीटर पानी स्टोरेज किया जा सकेगा। पाड़ादाह में बने आमनेर नदी पर पुल के बाद एनीकट का कैचमेंट एरिया चालू होगा जिससे लगभग नदी इलाके में डेढ़ से दो किमी तक इसका पानी रोका जा सकेगा। एनीकट में पानी रोके जाने के चलते पाड़ादाह, पिपलाकछार, कोयलीकछार, कुम्ही सहित चिखलदाह गांव के सौ एकड़ से अधिक जमीन पर सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। एनीकट से लिफ्ट की मदद से किसान स्वयं अपने खेतो सिंचाई कर सकेंगे। उल्ल्ेाखनीय है एनीकट एरिया में सिंचाई मिलने वाली जमीनों पर ग्रामीण सालभर फसलों के साथ सब्जी उगाते है जिससे ग्रामीणों के मुख्य रोजगार को फायदा मिलेगा। सिंचाई व्यवस्था बनने के साथ के इलाके के जल स्तर को भी बड़ा फायदा होगा। बोर सहित हैंडपंप के जलस्तर घटने की परेशानी दूर होगी। बच्चों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी। आश्रित ग्राम कोयलीकछार सीधे तौर पर पंचायत मुख्यालय से जुड़ पाएगा। ग्रामीणों ने एनीकट निर्माण प्रक्रिया शुरू होने पर राहत के साथ खुशी जताई है।
कुम्ही-कोयलीकछार के बीच आमनेर नदी पर दो करोड़ चालीस लाख रूपए की लागत से एनीकट का निर्माण कराया जाएगा। इस एनीकट में लगभग एक हजार क्यूबिक मीटर पानी स्टोरेज किया जा सकेगा। पाड़ादाह में बने आमनेर नदी पर पुल के बाद एनीकट का कैचमेंट एरिया चालू होगा जिससे लगभग नदी इलाके में डेढ़ से दो किमी तक इसका पानी रोका जा सकेगा। एनीकट में पानी रोके जाने के चलते पाड़ादाह, पिपलाकछार, कोयलीकछार, कुम्ही सहित चिखलदाह गांव के सौ एकड़ से अधिक जमीन पर सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। एनीकट से लिफ्ट की मदद से किसान स्वयं अपने खेतो सिंचाई कर सकेंगे। उल्ल्ेाखनीय है एनीकट एरिया में सिंचाई मिलने वाली जमीनों पर ग्रामीण सालभर फसलों के साथ सब्जी उगाते है जिससे ग्रामीणों के मुख्य रोजगार को फायदा मिलेगा। सिंचाई व्यवस्था बनने के साथ के इलाके के जल स्तर को भी बड़ा फायदा होगा। बोर सहित हैंडपंप के जलस्तर घटने की परेशानी दूर होगी। बच्चों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी। आश्रित ग्राम कोयलीकछार सीधे तौर पर पंचायत मुख्यालय से जुड़ पाएगा। ग्रामीणों ने एनीकट निर्माण प्रक्रिया शुरू होने पर राहत के साथ खुशी जताई है।
वर्षो पुरानी मांग अब लेगी मूर्त रूप
कुम्ही पंचायत के आश्रित ग्राम कोयली कछार के ग्रामीणों के साथ स्कूली छात्रों को पंचायत मुख्यालय स्थित स्कूल आने के लिए नदी पार करना पड़ता था। बीच में आमनेर नदी होने के चलते बारिश के दिनों में कोयलीकछार के ग्रामीण नदी पार करने की बजाय अमलीडीहखुर्द होकर कुम्ही पहुंचते थे, जिसके कारण उन्हें पांच किमी का रास्ता तय करना पड़ता था। कु म्ही प्राथमिक और माशा आने वाले बच्चों को भी नदी के खतरे से दो-चार होना पड़ता था। अब इसकी स्वीकृति आने के साथ लगभग ढ़ाई करोड़ रूपए की राशि भी स्वीकृत होकर टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जून 20 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
कुम्ही पंचायत के आश्रित ग्राम कोयली कछार के ग्रामीणों के साथ स्कूली छात्रों को पंचायत मुख्यालय स्थित स्कूल आने के लिए नदी पार करना पड़ता था। बीच में आमनेर नदी होने के चलते बारिश के दिनों में कोयलीकछार के ग्रामीण नदी पार करने की बजाय अमलीडीहखुर्द होकर कुम्ही पहुंचते थे, जिसके कारण उन्हें पांच किमी का रास्ता तय करना पड़ता था। कु म्ही प्राथमिक और माशा आने वाले बच्चों को भी नदी के खतरे से दो-चार होना पड़ता था। अब इसकी स्वीकृति आने के साथ लगभग ढ़ाई करोड़ रूपए की राशि भी स्वीकृत होकर टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जून 20 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
ग्रामीणों के साथ स्कूली छात्रों को मिलेगा लाभ सिंचाई, जलस्तर बढने से किसानों को होगा फायदा
उपअभियंता जलसंसाधन विभाग खैरागढ़, जेके जैन ने कहा कि कुम्ही-कोयलीकछार के बीच आमनेर नदी पर एनीकट निर्माण प्रक्रिया त्वरित रूप से शुरू होने वाली है टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगले साल जून तक इसका निर्माण कार्य पूरा कराया जाना है। दोनों गांवों के बीच एनीकट निर्माण से जलस्तर, सिंचाई सहित आवाजाही की सुविधा बढ़ेगी और फायदा मिलेगा।
उपअभियंता जलसंसाधन विभाग खैरागढ़, जेके जैन ने कहा कि कुम्ही-कोयलीकछार के बीच आमनेर नदी पर एनीकट निर्माण प्रक्रिया त्वरित रूप से शुरू होने वाली है टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगले साल जून तक इसका निर्माण कार्य पूरा कराया जाना है। दोनों गांवों के बीच एनीकट निर्माण से जलस्तर, सिंचाई सहित आवाजाही की सुविधा बढ़ेगी और फायदा मिलेगा।