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कांग्रेस में संगठन अध्यक्ष पद पाने रस्साकसी हुई तेज, सप्ताहभर में होनी है घोषणा, दर्जन भर दावेदार शामिल …

locationराजनंदगांवPublished: Aug 03, 2020 07:23:07 am

Submitted by:

Nitin Dongre

चार माह बाद पालिका का चुनाव, शहर सहित ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष के लिए लाबिंग जारी

The tug of war to get the post of organization president in Congress is fast, the announcement is to be made within a week, a dozen contenders are involved ...

कांग्रेस में संगठन अध्यक्ष पद पाने रस्साकसी हुई तेज, सप्ताहभर में होनी है घोषणा, दर्जन भर दावेदार शामिल …

खैरागढ़. चार माह बाद होने वाले नगरपालिका चुनाव के एन पहले कांग्रेस संगठन में फेरबदल की जारी तैयारियों के बीच शहर की राजनीति गरमा गई है। नए जिलाध्यक्ष मनोनित किए जाने के बाद अब ब्लाक स्तर पर संगठनों का नए सिरे से गठन किया जाना है। शहर में आगामी चार माह बाद नगरपालिका का सबसे अहम चुनाव होना है। ऐसे में शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनने शहर सहित इलाके में जमकर लाबिंग जारी है। खैरागढ़ शहर और ग्रामीण अध्यक्षों के लिए दर्जन भर से अधिक दावेदारों के बीच रस्साकसी चल रही है। बताया गया कि दो चार दिनों में अध्यक्षों की घोषणा की तैयारी है।
शहर और ग्रामीण अध्यक्ष के लिए दर्जन भर से अधिक दावेदार सक्रिय है। ग्रामीण ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर फिलहाल भीखम चंद छाजेड़ काबिज है। उनकी कार्यकुशलता के चलते ग्रामीण से उनकी दावेदारी सबसे पहले है। इसके अलावा कांग्रेस में कद्दावर नेता माने जाने वाले सुनील कांत पांडे, जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ी दशमत बाई जंघेल, जिपं सदस्य के टिकट से वंचित रहे नीलाबंर वर्मा भी दावेदारों में शामिल है। इसके अलावा अन्य कुछ नामों की चर्चा है। सबसे बड़ी लाबिंग शहर अध्यक्ष को लेकर है। आगामी चुनाव के चलते अध्यक्ष पद की दौड़ में सक्रिय और बड़े नेता भी प्रदेश स्तर तक अपने नामों को शामिल कराने जुटे हैं। मिली जानकारी मुताबिक ग्रामीण अध्यक्ष भीखम छाजेड़ के अलावा सबसे ज्यादा दावेदारी तीन से बार लगातार पार्षद मनराखन देवांगन की है। इनके अलावा डॉ. अरूण भारद्वाज, सुरेन्द्र शर्मा, जफर हुसैन खान और वर्तमान अध्यक्ष रज्जाक खान भी है।
पालिका चुनाव में दिखानी होगी ताकत

शहर अध्यक्ष को लेकर जारी चर्चा में आगामी पालिका चुनाव नए अध्यक्ष के नेतृत्व में ही लड़ा जाना है, जिसके कारण इस पद को लेकर ज्यादा लाबिंग है। पिछले पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस को अप्रत्याशित जीत मिली थी पार्षदों का आकड़ा भी तीन से बढ़कर आठ हो गया था। इस बार अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप में पार्षदों के बीच से ही होना है। ऐसे में कांग्रेस संगठन को प्रदेश में सत्ता रहते सबसे पहले पालिका में दस से अधिक पार्षदों को जीतानें की होगी। बेहतर प्रत्याशियों का चयन इस बार भी आसान नही होगा। तो दूसरी ओर शहर में कई गुटों में बंटे कांग्रेसियों को समेटकर एकजुट करना भी सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। आधा दर्जन नेताओं में से एक नाम चुनना जिला संगठन के लिए भी आसान नही है। शहर अध्यक्ष के लिए पूर्व विधायक सहित प्रदेश और जिला संगठन के पदाधिकारी भी अपने करीबियों को अध्यक्ष पद का ताज दिलानें जुटे है।

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