25 मार्च से प्रारंभ हुए चैत्र नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाया जा रहा है। शासन के आदेश के बाद संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन में भी श्रद्धालुओं से मंदिर नहीं पहुंचते हुए घर पर ही पूजा-पाठ करने की अपील की है।
1445 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा अर्चना व ज्योति कलश प्रज्जवलन आचार्यों द्वारा किया गया है। यहां 1445 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं। 29 मार्च को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भंडारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया।
परिसर में प्रवेश से रोक सचिव शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव-शक्ति सिद्धपीठ में हिन्दू नववर्ष चैत्र नवरात्र 25 मार्च से प्रारंभ है। देश में फैले कोरोना वायरस से बचाव के लिए संस्था ने सिद्धपीठ परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।