पशुधन विभाग के डॉ तरुण रामटेके ने बताया कि शहर ग्लैंडर्स वायरस फैलने की शिकायत सामने आने के बाद शहर के घोड़े व घोडिय़ों की जांच की गई। इस दौरान पठानपारा बसंतपुर निवासी सुल्तान खान के घोड़ी में भी ग्लैंडर्स वायरस पॉजेटिव पाया गया। फिलहाल घोड़ी को पेन्ड्री अटल आवास के एक घर में रखा गया है।
रहवासी क्षेत्र में रखने की जानकारी डॉ तरुण रामटेके ने बताया कि 16 जुलाई को शहर के करीब 6 घोडियों की जांच कर सेम्पल को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में सुल्तान के घोड़ी पर ग्लैंडर्स वायरस पॉजेटिव पाया गया। उन्होने बताया कि रिपोर्ट 23 जुलाई को आई। इसके बाद घोड़ी मालिक सुल्तान को इसकी जानकारी देकर गोड़ी को रहवासी क्षेत्र से बाहर रखने कहा गया है। मिली जानकारी के अनुसार घोड़ी को रहवासी क्षेत्र पेन्ड्री अटल आवास में रखा गया है। इससे यह वायरस लोगों में फैलने की खतरा है।
पहला मामला आया था जून में इससे पहले शहर के ठेठवार पारा निवासी रफीक खान की घोड़ी में ग्लैंडर्स वायरस पॉजेटिव पाया गया था। वायरस की पुष्टि के बाद पशुधन विभाग ने राज्य शासन से आदेश आने के बाद जून माह में घोड़ी को इंजेक्शन का हैवी डोज देकर मारने की कारवाई की थी। इसके बाद घोड़ी को नवागांव स्थित ट्रेचिंग ग्राऊंड के पास दफनाया गया था।
इंसानों में भी फैल सकती है बीमारी डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार ग्लैंडर्स वायरस घोड़े के प्रजाति वाले पशुओं में पाया जाता है। यह खतरनाक वायरस है और इंसानों में भी फैल सकता है।इस वायरस का खतरा घोड़ों की देखभाल करने वाले या फिर इलाज करने वालों पर अधिक रहता है। इंसानों में इस बीमारी से मांसपेशियों में दर्द और अकडऩ, छाती में दर्दए सिर दर्द और नाक से पानी निकलना यह सारे लक्षण दिखाई देते हैं।
आगे की कार्रवाई की जाएगी पशुधन विभाग के डॉ. तरुण रामटेके ने इस मामले पर कहा कि जांच रिपोर्ट में बसंतपुर निवासी सुल्तान के घोड़ी में ग्लैंडर्स वायरस पॉजेटिव आया है। घोड़ी को मारने की इजाजत के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। शासन से आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।