ज्ञात हो कि ग्रामीण क्षेत्र में पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से मोहारा समूह नल जल योजना के तहत उसरीबोड़ में २८ करोड़ रुपए की लागत से जल सयंत्र बनाया गया है। इसके बाद लाखों रुपए खर्च कर गांवों में उच्चस्तरीय पानी टंकी बनाई गई है। उसरीबोड़ में बने जल सयंत्र से आसपास के २३ गांवों में बनी टंकियों में पानी पहुंचाया जा रहा। ये पानी लोगों के घरों में सप्लाई हो रही, लेकिन चौक-चौराहों में दिए नलों में टोंटी नहीं होने के कारण पानी व्यर्थ ही बह जा रहा है। ऐसी स्थिति भंवरमरा गांव में भी सामने आई है।
सप्लाई नहीं हो पा रही है सुरगी क्षेत्र के २३ गांवों में मुख्य पाइप लाइन व पानी देने के लिए पीवीसी पाइप भी बिछाई जा चुकी है, लेकिन टंकी से नलों में पानी देने का समय दोपहर होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। इस तरह करोड़ों खर्च के बाद भी ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा और यह योजना शो पीस बन गई है। यही हाल धीरी में बने इंटेकवेल का है। यहां नदी में पानी नहीं होने के कारण टंकियों तक पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है।
इन गांवों में की जानी है सप्लाई शिवनाथ नदी के जल को शुद्धिकरण करने के लिए उसरीबोड़ में संयत्र लगाया गया है। यहां से गांवों में पानी सप्लाई किया जा रहा है। वह गांव इस प्रकार है- धामनसरा, ढोढिय़ा, भोथीपार खुर्द, उसरीबोड़, आलीखूंटा, रानीतरई, महाराजपुर, भोथीपार कला, सिंघोला, भंवरमरा, भोढिय़ा, भर्रेगांव, मोखला, कुसमी, पार्रीखुर्द, आरला, बुचीभरदा, कोटराभांठा, सुरगी, कुम्हालोरी, मुड़पार, मलपुरी और बेलटिकरी में देना है।