अस्पताल में परिजनों से मिली जानकारी अनुसार शहर के कोतवाली थाना अंतर्गत शांतिनगर निवासी 50 वर्षीय विनायक पिता आरडब्ल्यू पुरानिक आदर्श के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में एजेंट का काम करते हैं। उन्होंने अपने माध्यम से शहर के कुछ लोगों का रुपए यहां जमा कराया है। यह रकम 50-60 लाख रुपए बताई जा रही है। अब मेच्योरिटी का समय आ गया है, लेकिन सोसाइटी द्वारा करीब सालभर से मेच्योरिटी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उक्त सोसाइटी के खिलाफ शिकायत होने के बाद इसके डायरेक्टर व अन्य जेल में हैं और यह मामला कोर्ट में चल रहा है। इस वजह से मैच्योरिटी नहीं हो पा रही है।
पीडि़त विनायक सोसाइटी में एजेंट का काम करते हैं और कुछ लोगों का रुपए अपने माध्यम से जमा करा दिया था। अब सोसाइटी में रुपए जमा करने वाले लोग पैसे वापसी की मांग को लेकर विनायक के घर आनेे लगे थे, उन्हें लगातार फोन कर भी रुपए देने के लिए दबाव डाल रहे थे, इससे वे परेशान से रह रहे थे, तो
मंगलवार को उन्होंने घर पर ही जहर सेवन कर लिया। उसे जहर सेवन करते देख 41 वर्षीय उनकी पत्नी वृंदा पुरानिक ने भी जहर सेवन कर लिया। इसके बाद उनका 18 वर्षीय बेटा वेदांता पुरानिक ने भी जहर सेवन कर लिया। आसपास लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया। अस्पताल में पुलिस ने भी उनसे बयान लिया है।
इसी तरह कुछ साल पहले शुरू हुई चिटफंड कंपनियां लोगों की गाढ़ी कमाई जमा कर चपत हो गई हैं। ऐसी कंपनियों को रुपए जमा कराने वाले कार्यकर्ता व हितग्राही भी परेशान हैं। कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले चिटफंड में जमा राशि का वापस दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सत्ता सरकार में आने के बाद भूपेश सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया है। टीआई कोतवाली वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि आदर्श के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में रकम जमा कराए थे। सोसाइटी से मेच्योरिटी रकम लौटाई नहीं जा रही है, लेकिन जमा करने वाले लोग इनसे रुपए की मांग कर रहे थे। इससे ही परेशान होकर जहर सेवन कर लिया था। तीनों खतरे से बाहर हैं।