ये दोनों बच्चियां तथा इनके साथ अन्य बच्चियां भी प्रतिदिन दौड़ लगाती थीं। यह शौक जानलेवा साबित हो गया। गनीमत यह रही कि अन्य बच्चियां इनसे पीछे थीं। सबसे पहले आठवीं की छात्रा इलेश मंडावी तार में फंस कर गिरी और बेहोश हो गई। उसे बचाने गई टिकेश्वरी रजक नवमीं की छात्रा भी करंट की शिकार हो गई, तभी पीछे जो बच्चियां थी वे सहमकर रुक गई। उसी समय खेत में करंट लगाने वाले नारद छेदैया भी पहुंच गया। अपना तार इक_ा करने लगा। इसी बीच जानवर भी दिखाई दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यहां इस तरह का कार्य खुलेआम चल रहा है। जिस पर वन अधिकारी परोक्ष रूप से संरक्षण देते हैं। पुलिस ने जानवर संबंधी जानकारी से तो इनकार किया है, किंतु ग्रामीणों ने उसकी फोटो भी खींची इस तरह की घटना से ग्राम में रोष भी व्याप्त है।
इस संबंध में ग्रामीण जिलाधीश से मिलकर शिकायत का मानस बना चुके हैं, पूरे गांव में शोक की लहर है। विधायक अनुसूचित जाति प्राधिकरण के अध्यक्ष भुनेश्वर बघेल ने ऐसी घटना के लिए शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है तथा इस संबंध पर शीघ्र कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं।
वनांचल क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए खुलेआम करंट तार बिछाया जा है। जिनके खिलाफ वन विभाग भी कार्रवाई नहीं कर रही है। वनांचल क्षेत्र में लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही है कि कभी पशुजन तो कभी नागरिक करंट लगने से हादसे का शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद भी जंगली जानवरों का शिकार के लिए खुलेआम करंट तार बिछाया जा रहा है। इस पर वन विभाग की कार्रवाई शून्य हैं या यूं कहें कि वन विभाग ऐसे अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न कर खुला संरक्षण दे रहा है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।