सड़क पर आवारा मवेशियों का कब्जा
शहर के मुख्य मार्ग सहित चौक चौराहों में आवारा मवेशियों का कब्जा लगातार बना हुआ है। शाम होते ही व्यस्तम मार्गो एवं चौक चौराहों में झुंड में बैठते है। वहीं रात में वाहन चालकों को सड़क पर बैठे आवारा मवेशी नजर नही आने से दुर्घटना ग्रस्त हो रहें है। शहर में पशु पालक दुधारू पशुओं को ही बांध कर रखते है। अन्य मवेशियों कों खुला छोड़ देते है। ये मवेशी दिन में सब्जी बाजार सहित अन्य जगहों में मुंह मारते नजर आते है और शाम होते ही मुख्य मार्गाे के चौक-चौराहों पर बैठ यातायात को प्रभावित करते है।
शहर के मुख्य मार्ग सहित चौक चौराहों में आवारा मवेशियों का कब्जा लगातार बना हुआ है। शाम होते ही व्यस्तम मार्गो एवं चौक चौराहों में झुंड में बैठते है। वहीं रात में वाहन चालकों को सड़क पर बैठे आवारा मवेशी नजर नही आने से दुर्घटना ग्रस्त हो रहें है। शहर में पशु पालक दुधारू पशुओं को ही बांध कर रखते है। अन्य मवेशियों कों खुला छोड़ देते है। ये मवेशी दिन में सब्जी बाजार सहित अन्य जगहों में मुंह मारते नजर आते है और शाम होते ही मुख्य मार्गाे के चौक-चौराहों पर बैठ यातायात को प्रभावित करते है।
सड़क पर ठेले, खोमचे और बिखरे सामान शहर के मुख्य मार्ग सहित अंदरूनी मार्गो में छोटे -छोटे ठेलों और दुकानों के सामने फैले सामानों से आवाजाही करने में खासी परेशानी हो रही है। ईतवारी बाजार, बख्शी मार्ग, गोल बाजार, जयस्तंभ चौक सहित पुराना एवं नया बस स्टैंड में सड़क किराने चाट ठेलों व अन्य खाद्य सामाग्री के दुकानों के पास जुटने वाली भीड़ और वहां खड़ी बेतरतीब गाडियां हादसों को न्यौता देती है। शहर के अंदरूनी मार्गों में सड़क तक फैले इलेक्ट्रानिक सामान, फर्नीचर सामान, बर्तन सहित अन्य सामानो से लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है।
मनमानी करते छोटे वाहन यात्री
शहर में टैक्सी स्टैंड नही होने से छोटे यात्री वाहन कहीं भी खड़े किये जा रहे हैं। सवारी ढोने के लिए कहीं भी रोक देना आम बात हो गई है। बेलगाम छोटे यात्री वाहन जहां तहां सड़कों पर खड़ी कर सवारी चढ़ाई व उतारी जाती है। छोटे सवारी वाहन सहित माल वाहकों में क्षमता से अधिक मात्रा में यात्री ढोये जाते है। इसमें बस संचालक भी पीछे नही है। स्टैंड से निकलने के बाद भी जहां तहां बस रोक कर सवारियों को चढाने-उतारने का काम होता है। विभाग द्वारा मिली छुट के चलते बिना परमिट के वाहन भी सड़कों पर फर्राटे भर रहें है। शहर सहित अंदरूनी मार्गो में भारी वाहन जब चाहे तक घूस जाते है। इन वाहनों को सड़क पर ही खड़े कर घंटों देर तक सामान लोडिंग अनलोडिंग की जाती है। ऐसे में दूसरे वाहनों को निकलने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। इनके रोकथाम के लिए संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोक कार्यवाही नहीं की गई है।
शहर में टैक्सी स्टैंड नही होने से छोटे यात्री वाहन कहीं भी खड़े किये जा रहे हैं। सवारी ढोने के लिए कहीं भी रोक देना आम बात हो गई है। बेलगाम छोटे यात्री वाहन जहां तहां सड़कों पर खड़ी कर सवारी चढ़ाई व उतारी जाती है। छोटे सवारी वाहन सहित माल वाहकों में क्षमता से अधिक मात्रा में यात्री ढोये जाते है। इसमें बस संचालक भी पीछे नही है। स्टैंड से निकलने के बाद भी जहां तहां बस रोक कर सवारियों को चढाने-उतारने का काम होता है। विभाग द्वारा मिली छुट के चलते बिना परमिट के वाहन भी सड़कों पर फर्राटे भर रहें है। शहर सहित अंदरूनी मार्गो में भारी वाहन जब चाहे तक घूस जाते है। इन वाहनों को सड़क पर ही खड़े कर घंटों देर तक सामान लोडिंग अनलोडिंग की जाती है। ऐसे में दूसरे वाहनों को निकलने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। इनके रोकथाम के लिए संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोक कार्यवाही नहीं की गई है।
सड़क का आधे से ज्यादा हिस्से में पार्किंग
शहर के कई प्रमुख मार्गों पर बेेतरतीब तौर से अवैध पार्किग सें भी यातायात में बड़ी रूकावटे आ रही है। यातायात के नियमों को ताक में रख कर मुख्य मार्ग पर वाहन खड़ी करने से सड़क का आधे से ज्यादा हिस्सा पार्किग में आ जाता है। जिससे मुख्य मार्ग से गुजरने वाले वाहनों के लिए कम जगह होने से मार्ग पर घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे पैदल चलने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बेतरतीब पार्किग से आधी हो जाती है जिससें कई बार लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके है। बावजूद यातायात में कोई सुधार नही किया गया।
शहर के कई प्रमुख मार्गों पर बेेतरतीब तौर से अवैध पार्किग सें भी यातायात में बड़ी रूकावटे आ रही है। यातायात के नियमों को ताक में रख कर मुख्य मार्ग पर वाहन खड़ी करने से सड़क का आधे से ज्यादा हिस्सा पार्किग में आ जाता है। जिससे मुख्य मार्ग से गुजरने वाले वाहनों के लिए कम जगह होने से मार्ग पर घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे पैदल चलने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बेतरतीब पार्किग से आधी हो जाती है जिससें कई बार लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके है। बावजूद यातायात में कोई सुधार नही किया गया।