राजनांदगावं जिला के लखोली क्षेत्र के शीतला तालाब में एक अजीबो गरीब सांप नज़र आया। लोगो ने सांप का वीडियो बना कर जमकर वायरल किया। दिखने में ये सांप हरा रंग का है और इसका शरीर चितकबरा है।
राजनंदगांव
Updated: May 19, 2022 07:47:31 pm
राजनांदगावं। छत्तीसगढ़ में कुछ दिन से काफी अनोखी प्रजाति के सांप पाए गए हैं । जबसे गर्मी बढ़ी है ज़मीन के नीचे या जंगल में रहने वाले सांप ठंडक और पानी की तलाश में शहर की ओर आ रहे है। राजनांदगाव जिले में लखोली क्षेत्र में एक अनोखे प्रजाति का सांप पाया गया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। दिखने में ये सांप लम्बा और मुँह हरे रंग का है और शरीर चितकबरा है। दरअसल ये सांप ग्रीन वाइन स्नेक या कलर्ड वाइन स्नेक के नाम से जाना जाता है । ये सांप ज्यादातर घने जंगलों में रहता है। इन् साँपों को इंसानी बस्तियों में अभी तक बहुत ही कम देखा गया है। दिखने में खूबसूरत ये सांप इंसानो के लिए बिल्कुल खतरनाक नहीं होता।
इन संपो में बहुत कम मात्रा में होता है जहर
छत्तीसगढ़ स्नेक एक्सपर्ट मोइज़ अहमद और विवेक शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा की ये ग्रीन वाइन स्नेक या कलर्ड वाइन स्नेक बहुत ही शरारती किस्म के सांप होते है। हरे रंग के होने के कारण ये घर और पौधों में चुप कर शिकार करते है। इनके मुख्या आहार छोटे जीव जैसे छिपकल्लियाँ, चूहे और चिड़िया है। ये सांप इतने बदमाश होते है की कभी-कभी ये छुप कर दूसरे छोटे साँपों को भी दबोच लेते है। इनमे इंसानों को मरने लायक जहर नहीं होता इसलिए ये इंसानो के लिए ये बिलकुल भी खतरनाक नहीं होते। ये सांप अकसर छोटी शाखाओं वाले पेड़ो में रहते है और घास और पौधो के ज़रिये शिकार खोजते है। एक्सपर्ट्स ने ये भी बताया की ग्रीन वाइन स्नेक ज्यादा तर जंगलों में रहते है इसी वजह से इन्हे लोगों के द्वारा दुर्लभ कहा जाता है। असल में ये सांप हर जंगल में मिल जाते है और दिखने में छोटे और हरे रंग के होने के कारण जल्दी इंसानो के नज़र में नहीं आते। जब पानी या ठंडक की तलाश में ये शहर या इंसानी बस्ती की ओर आते है तो इनको दुर्लभ सांप का दर्जा दिया जाता है। इन् साँपों को कुछ राज्यों में सुवापंखी भी कहां जाता है।
छत्तीसगढ़ में मिल रहे दुर्लभ हुए सांप
छत्तीसगढ़ में कुछ दिनों से काफी अलग तरीके के सांप पाए जा रहे है। कुछ ही दिन पहले एरो हेडेड स्नेक यानी तीर की तरह दिखने वाला सांप पाया गया था। उसको स्नेक रेस्क्यू टीम ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया था। छत्तीसगढ़ में पाए गए दोनों दुर्लभ सांप की सांप Non Venomous Snake यानी बिना जहर वाले सांप की श्रेणी में आते है। इन् छुपे सापों को इंसानी बस्ती में बहुत कम देखा जाता है। इसलिए इन् साँपों को दुर्लभ बोला जाता है और असल में ये सांप दुर्लभ नहीं होते बस छुपे हुए होते है।
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