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बेमौमस बारिश की मार, इलाके में चने की फसल पूरी तरह बर्बाद, अरहर मसूर लाखड़ी भी खराब …

locationराजनंदगांवPublished: Feb 24, 2020 09:15:58 am

Submitted by:

Nitin Dongre

खेतों की जुताई कर रहे किसान

Unseasonal rains hit, gram crops in the area completely ruined, Tur lentil also spoiled…

बेमौमस बारिश की मार, इलाके में चने की फसल पूरी तरह बर्बाद, अरहर मसूर लाखड़ी भी खराब …

खैरागढ़. बेमौसम हुई इलाके में बारिश का सीधा असर किसानों और खेतों पर पड़ रहा है। पखवाड़े भर पूर्व खैरागढ़ इलाकें में दो इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। बारिश के कारण रवि फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी है सबसे ज्यादा असर चने को पड़ा है। अरहर, मूंग, मसूर की फसलें भी खराबी की कगार पर है।
भारी बारिश के चलते पूरे इलाके में भर्री में बोए गए चने की हालत ज्यादा खराब है। किसानों का कहना है कि चने की फसल बारिश में पूरी तरह खराब हो गए। पौधों मेे पीलापन आ गया जिसके बाद अब इसमें फल लगने की स्थिति खत्म हो गई। डोली में चने की बोआई भी ज्यादातर क्षेत्रों में की गई है। यहां किसानों को दस फीसदी फसल की आस ही बची है, वह भी कीटनाशकों और दवाई के छिड़काव से किसानों का कहना है कि प्रशासन को चने की फसल खराब होने की पूरी जानकारी देने के बाद भी कई इलाकों में समय पर सर्वे और आंकलन की कार्यवाही नही हो पा रही है।
लाखडी़ मसूर की फसलें भी बर्बाद, पके अरहर से आस

किसानों की चने की फसल के साथ आमतौर पर बोए जाने वाले अरहर को भी बारिश के चलते जबर्दस्त नुकसान हुआ है। अरहर की खड़ी फसलें भी बारिश में तबाह हुई है। लाखड़ी की फसल बारिश का पानी खेतों में भरने से पूरी तरह गल चुकी है, फूल झडऩे के बाद अब पौधे मुरझा चुके है। किसानों ने बताया कि राहर जो पक चुका है उसे बचाने की कवायद जारी है। इससे दस फीसदी फल मिलने की संभावना के चलते पके राहर पर किसान मशक्कत करने में जुटे हैं।
बीज के लायक भी नहीं होगा चना

किसानों को बारिश के चलते चने की फसल बर्बाद होने से चिंता बढ़ी है। बताया गया कि इलाके में किसानों को अगले साल के लिए बीज के लायक भी चना उत्पादन नही मिलने वाला है। ऐसे में किसानों को फिर से बाजार से ही बीज की व्यवस्था करनी होगी। इससे किसानों को अतिरिक्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
कई इलाकों में किसान कर रहे जुताई

चनें की खड़ी फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान खेतों की जुताई में जुटे हैं। कई इलाकों में किसान खेतों में फसलों को चराने के बाद इसकी जुताई करा ग्रीष्मकालीन धान का रोपा लगाने की तैयारी में है ताकि बारिश से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। हालांकि प्रशासन इलाके में बारिश से हुए फसल नुकसान के आंकलन और सर्वे में जुटा है लेकिन समय पर क्षतिपूर्ति और मुआवजा की उम्मीद किसानों को नही है।
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