शिकायत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण की राशि आहरण कर लेने के बाद भी सरपंच व सचिव के द्वारा हितग्राहियों को नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद अफसरों ने जांच कराकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचे ग्रामीण संजय कुमार, दानेश्वर, नंदलाल, गंजकुंवर, डिलेश्वरी, पालेन्द्र, सबिता, सतरूपा, हेमलता, दीपिका, हिराबती, रत्ना, खेमिन, युवराज वर्मा, कमलेश वर्मा सहित सभी ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण को लेकर शासन द्वारा मिली राशि का सरपंच द्वारा फर्जी बिल और आंकड़ा पेश कर आहरण कर लिया गया है।
ज्यादातर हितग्राहियों ने स्वंय के पैसे से शौचालय बनाया है, जबकि कुछ को नाममात्र की सामग्री सरपंच द्वारा दी गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राशि मिलने के बाद सचिव व सरपंच ने मिलीभगत कर राशि आहरित कर ली है। जबकि पूछने पर शासन से राशि नहीं मिलना बताया जाता है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते बताया कि मनरेगा के तहत स्वीकृत काम में भी पंचों की फर्जी हाजिरी भरी जा रही है, पंचायत में 200 से ज्यादा पंजीकृत परिवार के मजदूरों को काम पर नहीं रखा जा रहा है। वहीं कार्यस्थल पर मेट की दादागिरी और अभद्रता के चलते उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
सभी ने एक स्वर में मेट को हटाने, शौचालय निर्माण की राशि दिलाने और मामले का निराकरण होने तक काम बंद करने की मांग की है।