बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर सुनते ही गांव के कुछ दबंगों द्वारा ग्राम में बैठक कर कृषक पर कई मनगढ़ंत आरोप लगाए गए, उन पर बेवजह दबाब डाला गया । गांव में कोरोना बीमारी फैलाने, नियमों का उल्लंघन करने सहित कई अनेक आरोप लगाकर उन्हें पांच हजार रुपए के आर्थिक दंड भरने साथ ही आगामी समय आने वाले क्वांर नवरात्रि में शीतला मंदिर में पूजा-पाठ कराकर गांव के शुद्धिकरण करने का फरमान सुनाया गया।
इसके बाद पीडि़त परिवार काफी डरा सहमा हुआ और मानसिक रूप से परेशान है। परिवार के मुखिया का कहना है कि उन्हें हमेशा गांव में ही रहना है। यही जीना मरना है। मामले की शिकायत वे शासन प्रशासन में करते है तो ग्रामीणों द्वारा उसे बाद में फिर से परेशान किया जाएगा। इसलिए उन्होंने उक्त मामले की शिकायत अब तक कहीं नहीं किया है।
संक्रमण के संबंध में क्या है गाइड लाइन
इस मामले में केन्द्र और राज्य सरकार का शासन का स्पष्ट गाइडलाइन है कि कभी भी किसी भी कोरोना पीडि़त मरीज और उनके परिवार को किसी भी स्थिति में प्रताडि़त, परेशान व दंडित नहीं किया जा सकता। ऐसा करना कानूनन अपराध है, जिसमें भारतीय संविधान व कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों पर सख्त कार्र्रवाई हो सकती है। एसडीएम विरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। कोरोना संक्रमण की चपेट में कोई भी आ सकता है। गांंव वालों के द्वारा पीडि़त परिवार को परेशान करना उचित नहीं है। यदि ऐसा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।